नई दिल्ली। संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का कनाडा में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। देश-दुनिया में उनको मानने वालों की संख्या लाखों में है। इस खबर के बाद उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है। इस घटना के बाद उनका परिवार भी सदमे में है।

पिता की 1980 में हुई थी हत्या

बाबा हरदेव सिंह का जन्म दिल्ली में 23 फरवरी 1954 को गुरबचन सिंह और कुलवंत कौर के घर हुआ था। बाबा हरदेव सिंह जी को बाबा भोला के नाम से भी जाना जाता था। दिल्ली के संत निरंकारी कालोनी स्थित माला पब्लिक स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1963 में उन्होंने यादविंद्रा पब्लिक स्कूल, पटियाला जो कि एक बोर्डिंग स्कूल था में दाखिला लिया। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। 1971 में वे प्राथमिक सदस्य के रूप में निरंकारी सेवा दल में शामिल हो गए। बाबा हरदेव सिंह के पिता गुरबचन सिंह की 1980 में हत्या कर दी गई थी। पिता की हत्या के बाद बाबा हरदेव संत निरंकारी मिशन के मुखिया बन गए।

बाबा हरदेव सिंह का विवाह 1975 में सविन्दर कौर के साथ हुआ था। भक्ति के साथ-साथ एक मर्यादित गृहस्थ के रूप में भी अपनी भूमिकाओं को निभाने वाले बाबा ने 1975 में युवा शक्ति को रचनात्मक दिशा देने के लिए निरंकारी यूथ फोरम का गठन किया तथा सन्त निरंकारी सेवादल में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में हुई थी। बाबा हरदेव सिंह के देश और दुनिया में कई आश्रम और 27 देशों में 100 से अधिक शाखाएं हैं। संत निरंकारी मिशन रक्तदान, सामूहिक विवाह जैसे कई सामाजिक कार्यों में सक्रिय है। मिशन की ओर से चलाए गए ऐसे सामाजिक अभियान खासे लोकप्रिय रहे हैं। बाबा हरदेव सिंह के प्रवचनों में लोगों की खासी भीड़ उमड़ती थी। रक्तदान निरंकारी मिशन का एक महत्वपूर्ण अभियान है और दावा है कि अब तक छ: लाख यूनिट से अधिक रक्तदान किया जा चुका है। भारत में पोलियो की बीमारी से उत्पन्न शारीरिक अक्षमताओं के लिए काम करते हुए बाबा ने खुद पोलियो ड्रॉप पिलाकर संगतों को प्रेरणा दी थी।

क्यों हुई थी बाबा हरदेव सिंह के पिता की हत्या?

बाबा हरदेव के पिता बाब गुरुबचन सिंह की अखंड किरतानी जत्था से जुड़े कट्टर सिखों ने हत्या कर दी थी। जत्था निरंकारी मिशन के बढ़ते प्रभाव से खफा था। उनका मानना था की बाबा गुरुबचन सिंह संत निरंकारी मशन के जरिए सिख धर्म के बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं, जिससे धर्म की बदनामी हो रही है।

पिता की हत्या होने के बाद बाबा हरदेव सिंह ने कमान संभाली थी। उन्होंने अपने पिता के मिशन को जारी रखा था। इस मिशन को दुनिया भर में विस्तार मिला। पूरी दुनिया में इसके 2000 सेंटर हैं।

PM मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बाबा हरदेव सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। कांग्रेस प्रेजिडेंट सोनिया गांधी ने भी बाबा हरदेव सिंह के निधन पर गहरा दुःख जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘बाबा हरदेव सिंह का निधन आध्यात्मिक संसार के लिए बड़ा नुकसानदेह और दुःखद है। शोक के इस वक्त में मेरी संवेदना उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ है।’बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने ट्विटर पर उनके निधन पर दुख जताते हुए लिखा, ‘निरंकारी बाबा श्री हरदेव सिंह का मॉन्ट्रियल में एक सड़क हादसे में निधन हो गया है। उनके निधन से बहुत दुखी हूं।’