श्री गणेशाय नम:

मनोज व्यास

पंचांग

तिथि :
पूर्णिमा – 10:46

प्रतिपदा – 31:05

नक्षत्र – पुष्य 26:24

करण :
बव – 10:44

बालव – 20:56

पक्ष – शुक्ल

योग :
विश्कुम्भ –  10:33

प्रीति – 30:19

वार – सोमवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

सूर्योदय – 07:28

चन्द्र – राशि कर्क

सूर्यास्त – 18:07
ऋतु – शिशिर

हिन्दू – मास एवं वर्ष

विक्रम – सम्वत 2075

मास – पूर्णिमांत पौष

शुभ और अशुभ समय

शुभ समय

अभिजित – 12:26 – 13:09

अशुभ समय

राहु काल – 7:30 – 9:00

दिशा – शूल पूर्व

परिहार – आज दर्पण में मुँह देख कर निकले !

पुष्यामृत योग

शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्तप्राय और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है ! इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं |

चोघडिया

अमृत – 07:28 – 08:48

शुभ – 10:08- 11:28

चल – 14:08 – 15:28

लाभ – 15:28 – 16:47

अमृत – 16:47- 18:07

चल – 18:07 – 19:47

आज का दिन और राशियों पर प्रभाव
मेष – अशुभ
वृषभ – शुभ
मिथुन – शुभ
कर्क – शुभ
सिंह – अशुभ
कन्या – उत्तम
तुला – शुभ
वृश्चिक – शुभ
धनु – अशुभ
मकर – शुभ
कुंभ – सर्वोत्तम
मीन – उत्तम
कौनसी राशि में बैठे हैं कौन से ग्रह
सूर्य – मकर
चंद्रमा – कर्क
मंगल – मीन
गुरु – वृश्चिक
शुक्र – वृश्चिक
बुध – मकर
शनि – धनु
राहु – कर्क
केतु – मकर