नई दिल्ली।   कुख्यात आतंकी संगठन  आईएसआईएस भारत जवाहर लाल नेहरू विदयालय जेएनयू विवाद का फायदा उठाने की फिराक में था। इसका जिम्मा आईएस के लिए भर्ती का काम देखने वाले आतंकियों को दिया गया था।

एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के मुताबिक आईसिस से जुड़े संगठन ‘जुनुद अल खलीफा-ए-हिंद  के लिए भर्ती करने वाले आशिक अहमद उर्फ राजा,मोहम्मद अब्दुल अहद और मोहम्मद अफजल के बयान से ऐसे कई खुलासे सामने आए हैं।

इस संगठन को आईएसआईएस का भारतीय मॉड्यूल कहा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल के हुगली में रहने वाले आशिक अहमद उर्फ राजा को कन्हैया को जेल भेजे जाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल होकर गाड़ियां जलाने और तोड़-फोड़ करने के लिए कहा गया था।

इन तीनों के बयान को एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 164 के तहत दर्ज किया है। यह पहली बार है जब  आईएसआईएस  से जुड़े किसी आतंकी का बयान किसी एजेंसी द्वारा रिकॉर्ड किया गया हो।

उन्होंने अपने बयान में संगठन के गठन और तुमकुर, बेंगलुरु, पश्चिम बंगाल और पंजाब में इसकी बैठकों में शामिल होने की बात कबूल की है।