लॉयन न्यूज, चूरू/बीकानेर। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर ऑपरेशन में राजस्थान के एक पुलिस अधिकारी ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए राजस्थान पुलिस का सिर गर्व से उपर उठाया है। जी हॉं, हम बात कर रहे है चुरू के  पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ की जिन्होंने अपनी जांबाजी का परिचय देते हुए राजस्थान के सबसे खूंखार गैंगस्टर का अंत किया। एसओजी के एसपी का फोन आते ही चूरू एस.पी. राहुल बारहठ ने पूरी तैयारी के साथ मालासर गावं के पास श्रवण सिंह की ढ़ाणी का घेराव करने का प्लान बनाया। जैसे ही एसओजी एवं हरियाण पुलिस मालासर गांव पहुंची, राहुल बारहठ अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर पूरी तैयारी के साथ तैनात थे।

श्रवणसिंह की ढ़ाणी का घेराव करने साथ ही आनंदपाल की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। बारहठ ने बताया कि हमने आनंदपाल को सरेंडर करने को कहा लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा और घर की महिलाओं की आड़ लेकर गोलीबारी करने लगा। जानकारी के लिए बता दें कि जैसे ही आनंदपाल दौड़कर घर की छत पर गया तब बहादुर एस.पी. राहुल बारहठ अपने कुछ कमांडोज के साथ घर में घुस गए। आनंदपाल को घर की महिलाओं का प्रतिरोध झेलने के बाद भी एसपी और कमांडोज ने आनंदपाल पर लगातार हमला जारी रखा। और दीवार पर शीशे की मदद से आनंदपाल का मुवमेंट देखा फिर आनंदपाल द्वारा की जा रही फायरिंग का जवाब दिया।

ज्यादातर मामलों में पुलिस के बड़े अधिकारी मोनिटरिंग का काम करते है लेकिन एसपी राहुल बारहठ ने खुद को मोनिटरिंग के साथ ऑपरेशन में पूर्ण रूप से शामिल कर लिया और ए.के. 47 लेकर कमांडोज के साथ श्रवणसिंह के घर में उस समय घुसे जब आनंदपाल की तरफ से लगातार गोलियों की बारिश हो रही थी।चुरू एसपी ने अपने गनमैन के साथ घर के अंदर जाकर आनंदपाल की बादशाहत हमेशा के समाप्त कर दी और राजस्थान में स्वयंभू बन बैठे एक गिरोह के मुखिया को ढ़ेर कर दिया।

इससे पहले भी कई मामलों में पुस्कृत हो चुके है आई.पी.एस. बारहठ
पुलिस मुख्यालय की तरफ से होने वाली पुलिस मूल्यांकन प्रणाली में भी चूरू पुलिस अव्वल रही है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी राहुल बारहठ के नेतृत्व में काम करने वाली चूरू पुलिस की तारीफ की थी।

गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय द्वारा शुरू की गई मूल्यांकन प्रणाली में किसी भी जिला पुलिस को उसके द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई जैसे हत्या लूट आदि संगीन वारदातों में आरोपियों को शीघ्र पकड़ कर बरामदगी करना, बड़ी चोरी, नकबजनी आदि का शीघ्र पटाक्षेप कर माल बरामदगी, स्थाई, गिरफ्तारी वारंटियों की धरपकड़, असामाजिक तत्वों पर प्रभावी कार्रवाई कर संभावित बडी घटनाओं की प्रभावी रोकथाम, समय पर सीएलजी बैठकें, पुलिस अधिकारियों द्वारा समय, समय पर पुलिस थानों क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करना, कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखना आदि पर अंक दिए जाकर रैंक तैयार की जाती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिन्धिया ने इस पुलिस कार्य मूल्याकंन पद्धति की तारीफ भी कर चुके है।

खेल-खेल में बनाए 3000 पुलिस मित्र
खाकी वर्दी में रौबदार पर्सनालिटी, लम्बी-चौड़ी कदकाठी और अपराधियों में भय पैदा करने वाले इस अफसर की तुलना ‘सिंघम’ से नहीं बल्कि ‘सबसे बड़े खिलाड़ी’ से होती है। दरअसल, इस आईपीएस ऑफिसर ने क्राइम कंट्रोल के लिए खेल-खेल में ऐसा अनूठा प्रयोग किया जिसमें महज छह महीनों में 3000 से अधिक युवा ‘पुलिस मित्र’ बन गए।

स्वयं एसपी बारहठ ने अपने स्तर पर ‘पुलिस कब्बडी लीग’ शुरू की। इस लीग के जरिए चूरू पुलिस से शहर, गांव और कस्बों के तीन हजार युवा जुड़े और ‘पुलिस मित्र’ बन गए। आमजन में विश्वास एवं अपराधियों में भय बना रहे इसके लिए पुलिस नित नए प्रयास करती है लेकिन जो पहल बारहट ने की है वो अनूठी व सराहनीय है।

बता दें कि युवाओं में पुलिस की छवि सुधारने के उद्देश्य से चूरू जिला पुलिस की कबड्डी लीग सार्थक साबित हुई। पुलिस मित्र के जरिए गांव-गांव तक मुखबिर तंत्र तैयार हो गया। इस नवाचार को प्रदेश स्तर पर ना केवल सराहा गया अपितु राज्य के अन्य जिलों की पुलिस ने भी प्रेरणा लेते हुए इस नवाचार को अपनाना शुरू कर दिया है।

एक और अनूठी पहल
आपणी पाठशाला में पढऩे वाले झुग्गी-झौंपडें के बच्चों के लिए खुश खबर है कि वे अब शहर की एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़कर अपना भविष्य संवार सकेंगे। इन बच्चों की फीस पाठयपुस्तके, परिवहन व गणवेश तक का खर्चा जयपुर रोड़़ स्थित डॉ. जाकिर हुसैन सीनियर सैकेण्डरी शिक्षण संस्थान उठाएगी। इस पर एसपी राहुल बारहट ने बताया कि सिपाही धर्मवीर की ओर से शुरू की गई आपणी पाठशाला का प्रयास सफल हो रहा है। करीब 80 बच्चों को निजी स्कूल में प्रवेश दिलाया जा रहा है। यह बच्चे अब अच्छी स्कूल में पढ़कर अपना भविष्य संवार सकेंगे। समय-समय पर मॉनीटरिंग कर संसथान में पढऩे वाले बच्चों पर ध्यान दिया जाएगा।