लॉयन न्यूज, श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर में जीएनएम की परीक्षा में सामूहिक नकल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे ही हो रही है। इसका भंडाफोड़ मंगलवार को मीडियाकर्मियों की बदौलत हुआ। विभाग के अधिकारी परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों की चैकिंग करने के लिए पहुंचे। एक के बाद एक परीक्षार्थियों के पास नकल की पर्चियां मिलती रहीं। जब देखा कि सभी नकल कर रहे हैं तो कार्रवाई बीच में ही छोड़कर अधिकारी खिसक गये। पुराने राजकीय चिकित्सालय परिसर में सरकारी जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में इन दिनों जीएनएम के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं चल रही हैं। इसमें निजी जीएनएम ट्रेनिंग सेंटरों के विद्यार्थी भी आ रहे हैं।

मंगलवार सुबह मीडियाकर्मियों को पता चला कि इस सेंटर मेें सरेआम नकल चल रही है। इसकी जानकारी वहां लगाये गये परीविक्षकों, यहां तक कि सरकारी जीएनएम सेंटर की प्रिंसीपल को भी है। इस बाबत पुराने राजकीय चिकित्सालय परिसर मेें अपने कार्यालय में मौजूद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेश बंसल से मीडियाकर्मियों ने पूछा तो वे हक्के-बक्के रह गये। उनका कहना था कि ऐसे कैसे सामूहिक नकल हो सकती है। मीडियाकर्मियों को साथ लेकर वे जीएनएम सेंटर में चेकिंग करने के लिए पहुंच गये। उन्होंने जैसे ही परीक्षार्थियों को चैक करना शुरू किया तो हरेक के पास नकल की पर्चियां मिलने लगीं। इन पर्चियों ने सीएमएचओ के ही नहीं, बल्कि वहां तैनात परीविक्षकों और प्रिंसीपल विद्यादेवी के चेहरों के रंग उड़ा दिये।

चैकिंग के लिए सीएमएचओ के साथ कोई लेडिज स्टाफ नहीं था, इसलिए परीक्षा दे रही युवतियों की चैकिंग नहीं की जा सकी। सीएमएचओ डॉ. बंसल ने इनके पास भी नकल की पर्चियां होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया। डॉ. बंसल ने देखा कि सभी के पास पर्चियां मिल रही हैं, तब उन्होंने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि जीएनएम सेंटर जिला अस्पताल की पीएमओ के अंडर आता है। पीएमओ ही इसमें कार्रवाई करने को सक्षम है। डॉ. बंसल ने बताया कि फिर भी उन्होंने वहां तैनात स्टाफ को सख्त हिदायत दे दी कि जिनके पास पर्चियां मिली हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाये। इन परीक्षार्थियों की कॉपियां जब्त कर ली गईं हैं।

अगर इनके खिलाफ राजस्थान परीक्षा अनुचित संसाधन उपयोग अधिनियम के तहत मामला बनता है, तो मुकदमे दर्ज करवाने की भी हिदायत दी गई है। खास बात ये है कि ये परीक्षा कईं दिन से चल रही है और इसमें धड़ल्ले से नकल करवाई जा रही थी। यह भी खूब चर्चा है कि नकल करवाने की ऐवज में परीक्षार्थियों से प्राइवेट जीएनएम ट्रेनिंग सेंटरों के संचालकों ने मोटी रकमें बटौरी हैं। इस रकम का हिस्सा सरकारी जीएनएम सेंंटर के स्टाफ तक पहुंचा है। सामूहिक नकल का भंडाफोड़ होने से जिला प्रशासन के अधिकारियों मेें भी खलबली मची हुई है। इस मामले को दबाने की चेष्टा भी हो रही है।