लॉयन न्यूज,बीकानेर। अगर आपकी जेब में दाम है तो आप स्कूल पर अपना नाम लिखवा सकते हो। इसके अलावा दाम देकर विभिन्न प्रकार के पुरस्कार भी ले सकते हो। कम पैसे हैं तो शिक्षा मित्र का पुरस्कार मिलेगा। अगर एक करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करने की हैसीयत रखते हो तो आपको शिक्षा विभूषण का पुरस्कार भी मिल सकता है। खुद शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने विद्यालय के भामाशाह योजना शुरू की है। इसके तहत दानदाताओं/ भामाशाहों व औद्योगिक संस्थाओं से सहयोग लिया जाएगा। दानदाता रुपए खर्च कर विद्यालय पर अपना नाम भी लिखवा सकेंगे। इसके लिए मानदण्ड भी तय कर दिए हैं। विद्यालय के नाम के पूर्व में भामाशाह, व्यक्तिगत दानदाता का स्वयं का नाम अथवा उसके उसके द्वारा निर्धारित नाम अंकित किया जाएगा। जैसे सूरज देवी ने राशि खर्च कर दी तो स्कूल का नामकरण श्रीमती सूरज देवी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय किया जाएगा। किसी भी स्थिति में राजकीय शब्द नहीं हटाया जाएगा।

ऐसे होगा नामकरण
नामकरण के लिए सबसे पहले विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति/विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से किए गए कार्यों का अनुमोदन किया जाएगा। इसके बाद प्रधानाचार्य के माध्यम से प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से माध्यमिक/प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक को भिजवाया जाएगा। इसके बाद इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सरकार ही अंतिम निर्णय करेगी।

राशि से यह कार्य होंगे
इस सहयोग से विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में कक्षा कक्षों, खेल मैदान, फर्नीचर, खेलकूद सामग्री, विद्युत एवं स्वच्छ पेयजल, शौचालय सुविधा व आईसीटी/कम्प्यूटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाकर इन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। दानदाताओं/ भामाशाहों व औद्योगिक संस्थाओं को विद्यालय में किए गए उनके कार्य व योगदान के लिए प्रतिवर्ष 28 जून को भामाशाह जयंती पर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा दानदाता स्कूल पर अपना नाम भी लिखवा सकते हैं। मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में वित्तीय योगदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत आयकर में भी छूट मिलेगी। सरकारी स्कूलों को गैरजरूरी मान बैठी राज्य सरकार इन राजकीय शिक्षण संस्थानों के संचालन के लिए एक फूटी कौड़ी भी खर्च करना नहीं चाहती है। और यही कारण है कि स्कूलों में भामाशाहों से खर्चा कराने के लिए उन्हें शिक्षा मित्र और शिक्षा विभूषण सम्मान देने के लालच परोस रही हैं…वह भी सशर्त। सरकारी स्कूलों में एक करोड़ खर्च करने वाले को मिलेगा शिक्षा विभूषण सम्मान और 15 लाख खर्च ने पर शिक्षा भूषण।

ऐसे मिलेंगे पुरस्कार

पुरस्कार राशि शिक्षा मित्र 5 हजार से 25 हजार
शिक्षा साथी 25 हजार से एक लाख तक
शिक्षा श्री एक लाख से अधिक व 15 लाख तक
शिक्षा भूषण 15 लाख से अधिक व एक करोड़ तक
शिक्षा विभूषण एक करोड़ रुपए से अधिक

पैसे खर्च करों, लिखवाओ स्कूल पर नाम विद्यालय राशि

प्राथमिक तीस लाख से अधिक
उप्राथमिक 60 लाख से अधिक माध्यमिक 1.50 करोड़ से अधिक
उमा दो करोड़ से अधिक