– प्रोपर्टी रजिस्ट्री करवाने वालों की दिक्कतें बढ़ी

लॉयन न्यूज,बीकानेर। राज्य सरकार ने प्रोपर्टी रजिस्ट्री के लिए जरूरी ई-स्टाम्प की सुविधा पूरे प्रदेश में बंद कर दी है। पांच दिन पहले जहां रजिस्ट्री संबंधी राजस्व पंजीयन कार्यालय स्थित स्टॉक होल्डिंग के एसीसी में जमा होता था वह अब बैंक में जमा होगा, लेकिन इससे ‘एक ही छत के नीचेÓ के कॉन्सेप्ट को धक्का लगा है। इसके चलते रजिस्ट्री करवाने वाले को अब बैंक एवं पंजीयन कार्यालय के बीच चक्करघिनी बनना पड़ रहा है। इन रजिस्ट्री करवाने वालों में खासकर महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को बेहद दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उम्रदराज व्यक्तियों के लिए पहले पंजीयन कार्यालय, फिर बैंक और इसके बाद फिर पंजीयन कार्यालय के चक्कर काटने से मुश्किलें बढ़ गई है जबकि 20 जुलाई तक यह सारा काम पंजीयन कार्यालय में ही पूरा हो जाता था।

गौरतलब है कि बीकानेर स्थित एसबीआई की पीपी ब्रांच और उप पंजीयन कार्यालय के बीच दूरी लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के कई जिलों एवं तहसीलों में उप पंजीयन कार्यालय एवं एसबीआई के बीच की दूरी इससे भी अधिक है। ऐसे में रजिस्ट्री करवाने वालों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। यहां उप पंजीयन कार्यालय के सूत्रों की माने तो अब तक स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्ज स्टॉक हॉल्डिंग कॉर्पोरेटर ऑफ इंडिया लिमिटेड के ऑथोराइज्ड कलेक्शन सेंटर (एसीसी) में जमा होता था, लेकिन 23 जुलाई से राज्य सरकार का स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्च के बाबत स्टॉक हॉल्डिंग कॉर्पोरेटर ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ हुआ करार खत्म हो गया और अब यह काम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के जिम्मे सौंप दिया है।

पहले यह थी व्यवस्था
23 जुलाई से पहले रजिस्ट्री के लिए आने वाली पार्टी को सब रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा वेल्यूएशन निकालकर दी जाती थी जिससे उसी ऑफिस में स्टॉक हॉल्डिंग के काउंटर पर स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्ज जमा हो जाता था। स्टॉक हॉल्डिंग कम्पनी द्वारा पार्टी को ई-स्टाम्प दे दिया जाता था। जिसके आधार पर सब रजिस्ट्रार द्वारा दस्तावेज को पंजीबद्ध कर दिया जाता था।

यह है नया सिस्टम
स्टॉक हॉल्डिंग कम्पनी से करार खत्म होने के बाद 23 जुलाई से सब रजिस्ट्रार ऑफिस में पार्टी की प्रोपर्टी की वेल्यूएशन जनरेट होने के साथ ही ई-ग्रास चालान जनरेट होता है। जिसे पार्टी को बैंक जाना पड़ेगा जहां स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्ज ई-ग्रास चालान से जमा करा सकेगी। यहां बीकानेर में यह अधिकार केवल एसबीआई की पीपी ब्रांच को है। हालांकि पार्टी स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्ज ऑनलाइन भी जमा करवा सकती है, लेकिन यह सुविधा कर किसी के पास नहीं होती। बैंक वहां से ट्रेजरी को चालान की डिटेल भेजेगा। ट्रेजरी वहां से वाउचर नम्बर (टीवी नम्बर) जनरेट करेगी। यह नम्बर ऑनलाइन रजिस्ट्रार ऑफिस में उपलब्ध हो जाएगा। तब जाकर रजिस्ट्री की शेष कार्रवाई सब रजिस्ट्रार कार्यालय में पूरी होगी।

यह आती है दिक्कत
उप पंजीयन कार्यालय सूत्रों की माने तो बीकानेर में रोजाना 30 से 35 रजिस्ट्री होती है। यहां बल्क में काम 2 बजे बाद आता है और बैंक चार बजे तक स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्ज लेती है जबकि उप पंजीयन कार्यालय स्थित एसीसी में छह बजे तक स्टाम्प ड्यूटी एवं सरचार्ज लिया जाता था। ऐसे में यदि किसी का चार बजे नम्बर आता है और टीवी नम्बर अटक जाता है तो उस व्यक्ति का उसी दिन काम होना मुश्किल हो जाता है। यदि यह परिस्थिति शुक्रवार को बनती है तो उसे सोमवार तक इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि शनिवार और रविवार को अवकाश रहता है। इसके चलते जो दूर दराज गांवों से आते हैं उन्हें आर्थिक नुकसान तक झेलना पड़ता है। कई बार सर्वर डाउन के हालात में भी देरी भुगतनी पड़ सकती है। इस नई व्यवस्था से डवलपर एवं अधिवक्ताओं को भी परेशानी आ रही हैं। इनका कहना है कि बैंक कहते हैं कि चार बजे तक चालान लेते हैं, लेकिन हकीकत में 2 बजे तक ही चालान लेते हैं। बैंक में केन्द्र व राज्य से संबंधित अनेक चालान जमा होते हैं। इस पर अब रजिस्ट्री के चालान और आ जाने से बैंक पर भार भी बढ़ा है। इसके चलते लोगों की रजिस्ट्री का चालान समय पर जमा नहीं हो पाता। फिर बाद में दिक्कत ही दिक्कत है।

इनका कहना है-
सरकार ने रजिस्ट्री के प्रोसेस को लम्बा कर दिया है। अनावश्यक रूप से समय ज्यादा लग रहा है। बीकानेर से बाहर की पार्टी हो और समय पर टीवी नम्बर नहीं मिला तो उसको अतिरिक्त समय खराब करना पड़ेगा। इससे अच्छा ई-स्टाम्प पैटर्न सही था या फिर सरकार को उप पंजीयन कार्यालय में ही बैंक का काउंटर खोल देना चाहिए ताकि लोगों का समय खराब न हो। बैंक में 2 बजे तक ही चालान लिया जाता है। सरकारी जमा दो बजे बाद लेते ही नहीं है। इसके चलते शेष प्रक्रिया समय पर पूरी होने में दिक्कत आती है।
– मुरली पुरोहित, निदेशक, राजस्थान डवलपर, एमडीवी कॉलोनी, बीकानेर

मेरी एक पार्टी का बुधवार सुबह सवा दस बजे चालान जनरेट हो गया था, लेकिन पार्टी का टीवी नम्बर दोपहर साढ़े तीन बजे जनरेट हुआ। ऐसे में पंजीयन संबंधी शेष काम में पांच घंटे लगे जबकि सामान्यत: यही काम एक घंटा में हो जाता था। इसी दिन एक और पार्टी का दोपहर 2 बजे बाद चालान जनरेट हुआ। फिर पार्टी ने बैंक में पैसा जमा कराया, लेकिन टीवी नम्बर आया नहीं तो उसे अगले दिन गुरुवार को फिर से आना पड़ा। नई व्यवस्था से लोगों का समय बहुत ज्यादा लग रहा है। इससे डिजिटल व्यवस्था की मूल भावना प्रभावित हो रही है।

– नंद किशोर राठी, अधिवक्ता, बीकानेर
ई-ग्रास चालान जमा करवाने के लिए अलग से काउंटर की जरूरत ही नहीं है। अभी जो है वह पर्याप्त है। यदि आवश्यकता होती तो हम एक दो का स्टाफ लगा देते हैं। हम ग्राहकों की सुविधा  ध्यान भी रखते हैं। इसलिए ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
– सुरेश शर्मा, मुख्य प्रबंधक, एसबीआई, पब्लिक पार्क ब्रांच, बीकानेर