–  आनन्दपाल सिंह की पुलिस एनकाउटर में मृत्यु
–  एक-एक लाख रुपये के दो इनामी अभियुक्त भी गिरफ्तार
लॉयन न्यूज, जयपुर। चूरू जिले के मालासर इलाके में पांच लाख का इनामी कुख्यात अपराधी आनंदपाल को शनिवार रात करीब 11:25 बजे पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। घायल जवानेां को सवाईमानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने यह जानकारी रविवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

ष्ठस्ष्ट_8769 उन्होने बताया कि देर रात्रि को एसओजी के नेतृत्व में चूरू, अजमेर, नागौर, ईआरटी, पुलिस कमिश्नरेट, जयपुर एवं सिरसा हरियाणा पुलिस के जाप्ते के अधिकारियों व जवानों ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए राज्य के कुख्यात पांच लाख रुपये के इनामी अपराधी आनंदपाल सिंह के साथ मुठभेड़ हुई व पुलिस कर्मियों व अधिकारियों ने उसके द्वारा गोली चलाये जाने पर उसका प्रतिकार किया तथा जवाबी कार्रवाई में उसकी मृत्यु हुई। उसके दो भाईयों जिन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित है, को भी गिरफ्तार किया।

पुलिस मुख्यालय सभागार में पत्रकारों से बातचीत में महानिदेशक पुलिस मनोज भट्ट ने बताया कि इस आपरेशन में घायल सोहन सिंह कमांडो व धर्मपाल सिह कमांडो को आउट ऑफ टर्न पदोन्नति देने की कार्रवाई चल रही है तथा गेलेन्ट्री मेडल के लिये केन्द्र को अनुशंषा भेजी जायेगी, शेष टीम को उनकी परफोरमेन्स के आधार पर पुरस्कृत किया जायेगा।

श्री भट्ट ने बताया कि यह अत्यन्त गर्व का विषय है कि इस ऑपरेशन में शामिल टीम के प्रत्येक सदस्यों ने अदम्य साहस एवं बहादुरी का परिचय देते हुए का ऑपरेशन को सफल बनाया। इस मामले में आगे अनुसंधान में और भी खुलासे होंगे। कुख्यात अपराधी के साथ जो शूटआउट हुआ है, उसके उपरान्त पुलिस का मनोबल बढेगा तथा पुलिस द्वारा अपराध मुक्त समाज के लिये की गई कार्यवाही से आमजन में एक सुखद संदेश पहुंचेगा।

म्हानिदेशक पुलिस मनोज भट्ट ने इस ऑपरेशन की बताया कि दो माह पूर्व एसओजी के आईजीपी दिनेश एम. एन. को छतरगढ थानाधिकारी हंसराज ने सूचना दी कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल का भाई विक्की और गट्टू व अन्य इनामी अपराधी तेजपाल, बलबीर निमोद हनुमानगढ में कहीं पर रह रहे हैं। इस पर दिनेश एम. एन. ने एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भटनागर को उक्त सूचना के सत्यापन के लिए मामूर किया।  भटनागर ने एसओजी में तैनात इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह व मनोज गुप्ता के सहयोग से उक्त सभी अपराधियों को ढंूढना शूरू किया।

डेढ माह के बाद ज्ञात हुआ कि आनंदपाल, विक्की, गट्टू, तेजपाल, बलबीर सिरसा (हरियाणा) जिले में छिप कर रह रहे है और खानाबदोशों का जीवन जी रहे है। वे हथियार बन्द है और पुलिस पर कभी भी हमला कर सकते हैं। यह भी ज्ञात हुआ कि इन लोगों द्वारा करीब 6 माह पूर्व थाना भादरा इलाके में 70 लाख रुपये की लूट भी की है। वे लोग कभी-कभी अपने मिलनेवालों के पास जाकर पनाह लेते हं। वे कभी कभी सिरसा भी जाते हैं और वहां ओएचएम मॉल में समय काटने के लिए फिल्में भी देखते हैं।

भट्ट ने बताया कि कुछ समय बाद यह ज्ञात हुआ था कि आनन्दपाल सिंह अपने गैंग के सदस्यों के साथ ग्राम शेरपुरा, सिरसा निवासी सुरेन्द्र महरिया उर्फ प्रधान के रिहायशी मकान पर अक्सर छद्म नाम से शरण लेकर रह रहे हैं। इस पर सुरेन्द्र उर्फ प्रधान के रिहायशी आवास पर एक विशेष टीम का गठन कर, जिसमे विद्याप्रकाश, सीओ कुचामन सीटी, नागौर, सूर्यवीर सिह राठौड, पुलिस निरीक्षक, एसओजी, हरीराम कानि, एसओजी, व ईआरटी कमांडो सोहन सिंह, सन्दीप व थाना डीग से एसपीओ नरेश कुमार, को शामिल कर दिनांक 21.जून 2017 को तैनात किया गया।

संजीव भटनागर द्वारा दो अन्य टीमों को मकान के पड़ौस मे तैनात किया गया। 24जून2017 को समय करीब 06.30 पीएम पर आनन्दपाल सिंह का भाई विक्की उर्फ रूपेन्द्रपाल, देवेन्द्रपाल सिह उर्फ गट्टू सुरेन्द्र महरिया उर्फ प्रधान के निवास पर पल्सर मोटर साईकिल से आये, जिनको वहां नियोजित टीम के सदस्यों द्वारा अदम्य साहस का परिचय देते हुए धर दबोचा गया । दौराने पूछताछ उपरोक्त दोनों मुल्जिमान ने अवगत कराया कि आनंदपाल सिंह चूरू जिले में रतनगढ व सरदारशहर के बीच में गांव मालासर में श्रवणसिंह राजपूत के मकान में रह रहा है।

महानिदेशक पुलिस ने बताया कि उक्त जानकारी के सम्बन्ध में आईजीपी एसओजी दिनेश एम. एन. एवं पुलिस अधीक्षक चूरू को अवगत कराया गया। दस्तयाब किये गये गये मुल्जिमान को पुलिस टीम हमराह लेकर मालासर पहुंची जहां पर उन्हें पुलिस अधीक्षक चूरू राहुल बाहरठ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक केशरसिंह व यौगेन्द्र फौजदार, करन शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसओजी मय जाप्ते के मौजूद मिले। उपस्थित सभी जाप्ते को राहुल बारहट व करन शर्मा द्वारा अच्छी तरह से ब्रीफ किया जाकर श्रवण सिंह के मकान की योजनाबद्ध तरीके से घेराबन्दी की गई। आनंदपाल सिंह को आत्मसमर्पण करने के लिए चेतावनी दी गई किन्तु उस पर कोई असर नहीं हुआ उसने मकान की छत से फायर करना शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि जिस पर पुलिस बल ने लगभग 10.30 पीएम पर मकान में प्रवेश कर मकान की छत की सीढियों पर छुपाव हासिल करते हुये पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ की अगुवाई में पुलिस बल द्वारा मोर्चा लिया गया। आनन्दपाल सिंह छत पर बने कमरों व बाहर से लगातार लोकसेवकीय दायित्व का निर्वहन कर रहे पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से उन पर फायरिंग कर रहा था। आनन्दपाल सिंह की घेराबन्दी के लिये तैनात किया गया जाप्ता पूरी तरह संकटापन्न स्थिति में था। ऐसी स्थिति में पुलिस जाप्ते को बचाने के लिये पुलिस बल के सदस्यों द्वारा आत्मरक्षार्थ फायरिंग की गई।

इस फायरिंग मे सोहन सिंह कमांडो, धर्मपाल सिंह कमांडो, सूर्यवीर सिंह पुलिस निरीक्षक ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए अदम्य साहस एवं शौर्य की परिचय देते हुए मकान की सीढियंों से अपनी उपस्थिति छिपाते हुए अत्यधिक सर्तकता से छत की और आगे बढे। जिन पर आनन्दपाल सिंह ने जान से मारने की नीयत से बर्स्ट फायर किया गया जिसमें सोहन सिंह व धर्मपाल सिंह कानि गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गये व सूर्यवीर सिंह के उपरोक्त दोनों को कवरिग फायर देते हुए व बचाव करते हुए सीढियों से गिरने से दाहिनें हाथ पर गम्भीर चोट आयी। इस पर पुलिस जाप्ते द्वारा भी आत्मरक्षा मे जवाबी फायरिंग की गई जिसमें आनंदपाल सिंह मारा गया।

मौके पर आनंदपाल सिंह द्वारा 50 से अधिक राउण्ड फायर किये गये तथा पुलिस बल द्वारा करीब 150 राउण्ड फायर किये गये। आनंदपाल सिंह के कब्जे से दो एके 47 व भारी मात्रा में अवैध कारतूस, गाडिय़ों की फर्जी नम्बर प्लेटे बरामद हुई। मौके से आनंदपाल सिंह की स्कोर्पियो व मोटरसाईकिल बरामद की गई।यह सारी कार्यवाही दिनेश एनएम, आईजीपी, एसओजी के निकट सुपरविजन व उमेश मिश्रा, एडीजी, एटीएस एवं एसओजी, के निर्देशन में की गई।

घायल जवान सोहनसिंह, ईआरटी कमान्डो की हालत क्रिटिकल बनी हुई है। जिसका एसएमएस अस्पताल जयपुर में इलाज किया जा रहा है। सूर्यवीरसिंह राठौड, पुलिस निरीक्षक एसओजी के हाथ में कार्यवाही के दौराने चोट लगने से फ्रैक्चर हो गया है। कानि धर्मपाल जिला चूरू व कानि हरिराम, एसओजी के भी कार्यवाही के दौरान चोटें आई है। सम्पूर्ण कार्यवाही में एसओजी, जिला पुलिस नागौर, चूरू, अजमेर, ईआरटी, तथा सिरसा हरियाणा के अधिकारियों एवं जवानों ने पुर्ण तारतम्य व तालमेल रखा गया जिसकी परिणिति एक उल्लेखनीय सफलता के रूप में मिली।