नई दिल्ली। कोहिनूर हीरे को भारत वापस लाने की मांग बहुत समय की जा रही है। सोमवार को कोहिनूर को देश वापस लाए जाने वाली पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि हीरे को वापस लाए जाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि कोहिनूर पर दावा नहीं करना चाहिए।

कोहिनूर पर केंद्र सरकार का जवाब 

केंद्र सरकार ने अपने जवाब में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोहिनूर न तो चोरी किया गया था और ना ही जबरदस्ती ले जाया गया था। इस स्थिति में कोहिनूर पर दावा नहीं करना चाहिए। कोहिनूर को महाराज रंजीत सिंह के उत्तराधिकारी दिलीप सिंह ने 1849 सिख युद्ध में हर्जाने के तौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी को दिया था। सरकार ने अपने जवाब में आगे कहा कि अगर हम उसे वापस मांगेंगे तो दूसरे मुल्कों की जो चीजें भारत के संग्रहालयों में हैं उन पर दूसरे देश दावा कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आप चाहते हैं कि हम ये याचिका ख़ारिज कर दें। अगर ऐसा हुआ तो भारत का दावा हमेशा के लिए कमजोर पड़ जाएगा। ये कहा जाएगा कि भारत का सबसे बड़ा कोर्ट भी ये फैसला दे चुका है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जो उन्होंने पढ़ा वो संस्कृति मंत्रालय का नोट है। अभी विदेश मंत्रालय से जवाब आना बाकी है।

6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से 6 हफ्ते में जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार हलफनामा दायर करके बताए कि कोहिनूर को वापिस लाने की क्या कोशिशें की जा चुकी हैं और क्या और की जा सकती हैं।