मनोज रतन व्यास

शो मैन राज कपूर के एकमात्र पौत्र रणबीर कपूर अपनी फैमिली लेगेसी को बरकरार रखते हुए युवान वर्ग के दिलों की धड़कन बन गए है। रणबीर कपूर ने संजय लीला भंसाली जैसे निष्णात फिल्ममेकर को असिस्ट करते हुए अपने बॉलीवुड करियर का आगाज किया था। रणबीर कपूर का साल 2007 में बॉलीवुड डेब्यू संजय लीला भंसाली की फि़ल्म “सांवरिया” से हुआ था। सांवरिया तो बॉक्स ऑफिस पर बिल्कुल भी नही चली लेकिन रणबीर कपूर का स्क्रीन अवतार दर्शकों और बॉलीवुड निर्देशकों को भा गया। पिछले डेढ़ दशक में रणबीर कपूर स्वयं एक ब्रांड बन गए है, उनके नाम से फिल्मों को बम्पर ओपनिंग लगती है। बाज़ार अपने उत्पादों के लिए रणबीर कपूर के चेहरे को यूज करता है।

रणबीर कपूर की अगले महीने मूवी “एनिमल” रिलीज़ होने वाली है। एनिमल के टीजर और गीतों को यूट्यूब पर जबरदस्त प्रतिसाद मिला है। एनिमल को टी सीरीज के भूषण कुमार ने प्रोड्यूस किया है और कबीर सिंह जैसी ब्लॉकबस्टर फि़ल्म बनाने वाले संदीप रेड्डी ने निर्देशित किया है। एनिमल को लेकर फिल्मी सर्कट में कमाल का बज्ज बना हुआ है। ट्रेड एक्सपर्ट का मानना है कि एनिमल भी सुपरहिट फिल्म साबित होगी। रणबीर कपूर एनिमल की सफलता के प्रति पूर्णतया आश्वस्त है। एनिमल के बाद रणबीर कपूर ने कोई बड़ी फिल्म आधिकारिक रूप से साइन नहीं की है।

खबरों की माने तो रणबीर कपूर ने नितेश तिवारी की रामायण के लिए अपनी हामी भर दी है। रणबीर जल्द ही राज कुमार हिरानी की नेक्सट फि़ल्म में भी नजर आ सकते है। अयान मुखर्जी भी ब्रह्मास्त्र का पार्ट 2 बनाने की प्लानिंग में लगे हुए है। कुल मिलाकर रणबीर का करियर ऑन ट्रेक है और लगातार सफलता के सोपान चढ़ रहे है, लेकिन क्या रणबीर कपूर को इतने भर से संतुष्ट हो जाना चाहिए या फिर अपने दादा राज कपूर की लेगेसी को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए।

रणबीर कपूर के दादा राज कपूर एक्टर के साथ साथ फि़ल्म विधा की एक सम्पूर्ण स्कूल थे। राज कपूर ने अपने जीवन के तीसरे दशक में आर के फिल्मस की स्थापना की थी। राज कपूर ने अपना घर तक साल 1973 में बॉबी के निर्माण के वक्त बनाया था। आजादी के बाद राज कपूर लगभग ढाई दशकों तक अपना सारा पैसा फि़ल्म निर्माण और आर के फिल्मस के इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगाते रहे और अब यह हालात है कि आर के फिल्मस पर लगभग ताला लगा हुआ है। आर के फिल्मस की अंतिम फि़ल्म “आ अब लौट चले” रणबीर के पिता ऋषि कपूर ने साल 1997 में बनाई थी। पिछले साल यह खबर भी आई थी कि आर के फिल्मस का बड़ा हिस्सा एक बड़े कॉरपोरेट घराने ने खरीद लिया है।

रणबीर कपूर के होते आर के फिल्मस का परिसर बिक जाए यह बात बहुत दु:खद और तकलीफदेह है। यह बात सही है कि राज कपूर की सम्पति पर उनके तीन बेटों और तीन बेटियों का हक है। आर के फिल्मस को बेचने का निर्णय सभी उत्तराधिकारियों की सहमति से ही लिया गया होगा,लेकिन रणबीर कपूर चाहते तो सभी पारिवारिक सदस्यों को अपना हिस्सा कैश में देकर आर के फिल्मस के परिसर को जीवंत रख सकते थे,क्योंकि कॉरपोरेट ने भी तो यही कुछ करके आर के फिल्मस का अधिग्रहण किया था।

रणबीर कपूर के पिता ऋषि कपूर के बड़े भाई रणधीर कपूर ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया था कि उनकी लैविश जिंदगी आर के फिल्मस के सॉफ्टवेयर से आने वाली रॉयल्टी से चल रही है। रणबीर कपूर आज की यूथ के फेवरेट है, रणवीर सिंह,शाहिद कपूर और कार्तिक आर्यन से भी ज्यादा प्रॉमिसिंग लगते है।
रणबीर कपूर को अब अभिनय के साथ फि़ल्म निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में भी उतरना चाहिए। गुजरे दौर में तो हर स्टार अभिनेता अभिनय के साथ फि़ल्म प्रोडक्शन और निर्देशन में भी सक्रिय था। अमिताभ बच्चन के उद्भव के बाद एक्टर सिर्फ आत्ममुग्ध होकर बिग बी का अनुसरण कर अभिनेता ही बन कर रह गए,निर्माण-निर्देशन-लेखन से कोसो दूर हो गए। रणबीर कपूर में कुदरत ने वो सलाहियत बख्शी है, रणबीर को चाहिए वह अभिनय के साथ फि़ल्म निर्माण के दूसरे आस्पेक्ट्स में भी रुचि ले और अपने दादा राज कपूर की आर के फिल्मस को फिर से एक्टिव करें और स्वयं को पर्दे के पीछे भी आजमा कर देखें।