लॉयन न्यूज, जयपुर। राजस्थान में होली-धुलंडी पर एक बार फिर मौसम में बदलाव हो सकता है। मौसम विभाग ने आज से तीन दिन 28 जिलों में बारिश और ओले गिरने का अलर्ट जारी किया है। बारिश-ओलों के साथ आंधी भी चलने की आशंका है। ऐसे में फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। मौसम केन्द्र जयपुर के मुताबिक सोमवार को उदयपुर, कोटा संभाग में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। बादल छाने के साथ तेज हवाएं चलने और कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। कई स्थानों पर बिजली भी चमक सकती है। 7 मार्च को कोटा, उदयपुर संभाग के अलावा बीकानेर, जोधपुर संभाग में मौसम बदलेगा और यहां कहीं-कहीं आंधी चलेगी। 8 मार्च को अजमेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग में बारिश-ओलावृष्टि हो सकती है।

 

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इन दिनों एक हल्के प्रभाव का वेस्टर्न डिर्स्टबेंस उत्तर भारत में एक्टिव हुआ है। इसके कारण हवा की दिशा पश्चिम से दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो गई। इसके अलावा एक बंगाल की खाड़ी के आसपास एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है, जबकि पाकिस्तान गुजरात सीमा के बीच अरब सागर के पास के साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इन तीनों सिस्टम के कारण राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के आसपास एक ट्रफ लाइन बनी है। इसके अलावा इन राज्यों में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी मिल रही है, जिसके कारण ये वेदर सिस्टम बन रहा है।

 

इन जिलों में बारिश-ओले गिरने का आशंका
6 मार्च को बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, उदयपुर, बीकानेर और जैसलमेर जिलों में मेघगर्जना के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश या ओले गिर सकते हैं।
7 मार्च को नागौर, जोधपुर, जालोर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, उदयपुर, टोंक, सीकर, दौसा, भीलवाड़ा, बारां, अलवर और अजमेर में बादल छाने, ओले गिरने और बिजली चमकने के साथ 30-40 किलोमीटर तक स्पीड से आंधी चल सकती है।
8 मार्च को अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद और टोंक जिलों में बारिश होने के साथ कहीं-कहीं ओले गिरने और हवा चल सकती है।

 

किसानों को नुकसान होने की आशंका
राजस्थान, एमपी, गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को इस सिस्टम से सबसे ज्यादा नुकसान होगा। राजस्थान के कई हिस्सों में अब गेंहू, सरसों, तारामीरा की फसल पक गई है और कई जगह कटाई हो रही है। बारिश, ओले गिरने से ये फसल खराब हो जाएगी। इससे पहले फरवरी में अचानक तेज गर्मी के कारण फसल समय से पहले पक गई थी, तब भी किसानों को 20 से 25 फीसदी का नुकसान हुआ था।