नापासर से जुड़ी खबरें
लॉयन न्यूज,बीकानेर,27 अप्रैल। नापासर सूरत में नापासर नागरिक परिषद द्वारा बीकानेर पंचायत के प्रधान लालचंद आसोपा का भव्य स्वागत नापासर के प्रवासियों ने किया। इस अवसर प्रधान लालचंद आसोपा ने कहा कि आज के इस अवसर को सुनहरे सर्वन अक्षरों में लिखा जाएगा। आज मुझे बहुत खुशी हुई नापासर वासियो का नाम पूरे सूरत अहमदाबाद में है। मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूँ कि इनका व्यवसाय फलता फूलता रहे । नापासर नागरिक परिषद ने प्रधान को नापासर के सर्वागीण विकास के लिए कहा साथ ही कहा कि हमे बहुत खुशी है कि प्रधान बनने से पूरे नापासर का नाम आपने ऊंचा किया है । इस दौरान ललित कुमार आसोपा ,नारायण झवर, जुगल राठी, अनिल मूंधड़ा, प्रमोद मूंधड़ा,ओमप्रकाश राठी,कैलाश आसोपा,केडी सोमाणी,ओमप्रकाश कोठारी, श्रीयांस आसोपा आदि गणमान्य व्यक्तियों ने स्वागत किया।

 


.अब कस्बे की गर्भवती महिलाओं को नहीं होना पड़ेगा परेशान
शनिवार को रामसर चौराहे पर सरकारी चिकित्सालय के पास वात्सल्य हॉस्पिटल एवं सोनोग्राफी सेण्टर का उद्धघाटन सरपंच सरला तावणिया ने किया। सेण्टर के शुभारंभ पर समस्त वरिष्ठ चिकित्सक एवं सम्बंधित गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी अतिथियों का डॉ. कृष्ण पूनिया द्वारा स्वागत किया गया। डॉ. कृष्ण पूनियां ने बताया कि वात्सल्य वीमेन एम्पावरमेंट ट्रस्ट के माध्यम से अब नापासर में पूर्णतया आधुनिक सुविधाओं से युक्त है किफायती दर पर गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी एवं उपचार व परामर्श के साथ साथ सेण्टर पर 3डी व 4डी एवं रंगीन सोनोग्राफी की सुविधा भी मिलेगी। जिससे क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को उपचार के लिए नापासर से बाहर बीकानेर नहीं जाना पड़ेगा । सरपंच सरला देवी ने कहा की नापासर कस्बा बहुत बढ़ा कस्बा है धीरे धीरे सभी सुख सुविधाएं नापासर में हो रही है आगे भी उधमी प्रयासरत है। इस मोके पर 7 से 9 माह की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई रस्म एवं निशुल्क परामर्श कर सभी गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य की शुभकामनाये दी गई।

गुरु की आज्ञा से किया गया कार्य हमेशा सफल होता है साध्वी सरोज भारती
ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा सात दिवसीय श्री राम कथा भतमाल करनानी गेस्ट हाउस नजदीक पुलिस थाना नापासर ( बीकानेर ) में दोपहर 3 बजे से 6 बजे बजे तक कथा का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तृतीय दिवस में परम वंदनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री सरोज भारती जी ने कहां की राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा था। उनके विशालकाय धनुष को कोई भी उठाने की क्षमता नहीं रखता था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते समय धनुष उठाकर दूसरी जगह रखा इसे देखकर राजा जनक आश्चर्यचकित हुए। क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा उसी से सीता का स्वयंवर होगा ।

 

स्वयंवर की निर्धारित तिथि पर सभी देश के राजा और महाराजाओं को आमंत्रित किया गया। धनुष को उठाने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली गुरु की आज्ञा से श्री राम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। धनुष टूटते ही पंडाल में जय श्री राम के जय घोष लगने लगे। इस मौके पर साध्वी जी ने बताया कि जिसमें किसी भी प्रकार के मान और अपमान का भाव न हो, जिसकी दृष्टि में सारा जगत ब्रह्ममायी दिखाई दे, जिसके नेत्रों में निरंतर ईश्वर का निवास हो, यत्र तत्र जिसको जगत में हरी ही नजर आए वह भक्त ज्ञानी है ।

 

इस प्रकार साध्वी जी ने हमारे जीवन में गुरु की महत्ता बताते हुए कहा कि गुरु की आज्ञा से किया गया कार्य हमेशा सफल होता है। जो लोग संसार रूपी भवसागर को पार करना चाहते हैं उन्हें गुरु तथा प्रभु श्री राम का सानिध्य लेना होगा । कथा में यजमान राजकुमार करनानी परिवार सहित तथा मुख्य अतिथि बाबूलाल मोहता, दमालाल झंवर, बद्रीनारायण जोशी, सुरेश जोशी, श्रवण कुमार शर्मा, श्याम सुंदर झंवर, रूघ लाल माली ,अशोक कुमार मूंधड़ा सम्मिलित हुए।