जयपुर।अब ऑनलाइन बुकिंग के जरिए प्रदेश के बाहर से आने वाली वस्तुओं पर भी कर लगेगा। राज्य सरकार ने वित्त अधिनियम में संशोधन कर इस सामान को प्रवेश कर के दायरे में ले लिया है। इससे इन पर 0.25 से लेकर 65 प्रतिशत तक कर लिया जा सकेगा। वित्त विधेयक बजट सत्र में पारित हुआ और 8 अप्रेल को राज्यपाल को मंजूरी के बाद 9 अप्रेल को कानून बनने की अधिसूचना जारी हो गई। अगले सप्ताह तक इसके लिए नियमों में प्रावधान जोड़े जाने की तैयारी चल रही है। नियमों में संशोधन होते ही यह कर लागू हो जाएगा।

अधिकतर पर 4 से 5 प्रतिशत कर 

प्रवेश कर के तहत सबसे कम 0.25 प्रतिशत कर चीनी पर वसूला जाता है, जबकि तम्बाकू उत्पाद और पान मसाले पर 65 फीसदी तक प्रवेश कर का प्रावधान है। हालांकि आम उपभोग  की अन्य अधिकतर वस्तुएं चार से पांच प्रतिशत कर के दायरे में आती हैं।

एमपी और गुजरात में भी लगाया कर 

ऑनलाइन खरीदारी पर कर की शुरुआत उत्तराखंड ने की थी, इसके बाद असम, बिहार और कर्नाटक सहित कई राज्यों ने इस कर का प्रावधान किया। हाल ही मध्यप्रदेश और गुजरात ने यह कानून बनाया है। इन कानूनों की तर्ज पर ही राजस्थान ने वित्त अधिनियम-2016 में यह प्रावधान जोड़ा है।

प्रदेश में 800 करोड़ सालाना का कारोबार

राजस्थान में ई-रिटेल का कारोबार करीब 800 करोड़ रुपए सालाना है। ट्रैवलिंग, एयर व रेल टिकट शामिल करें तो यह लगभग 2500 करोड़ रुपए सालाना हो जाता है। वित्त विभाग  की समझाइश पर कुछ कंपनियों ने प्रदेश में गोदाम बना लिए हैं। जिनके प्रदेश में गोदाम हैं, उनके लिए कर प्रावधान पहले की तरह ही रहेंगे। कई कंपनियां एेसी हैं, जो सप्लाई प्रदेश के बाहर स्थित गोदामों से कर रही हैं।