नई दिल्ली. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने से भारत की तेल सप्लाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। एजेंसी के मुताबिक सरकारी अफसरों ने सोमवार को ऐसा कहा। उनका कहना है कि आईओसी जैसी कंपनियां ने सऊदी अरब और इराक जैसे सप्लायर देशों से इस साल ज्यादा तेल खरीदने का कॉन्ट्रेक्ट किया है। ऐसे में ईरान से कम होने वाली सप्लाई की भरपाई हो जाएगी।

जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त क्रूड खरीदा जाएगा
मार्च 2019 तक ईरान से 25 मिलियन टन क्रूड इंपोर्ट करने का कॉन्ट्रैक्ट है। पिछले साल सिर्फ 22.6 मिलियन टन आयात किया गया था। ईरान के अलावा इस साल दूसरे देशों से भी ज्यादा सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट है। सरकारी अधिकारी के मुताबिक साल में जब भी जरूरत पड़ेगी, अतिरिक्त सप्लाई ली जाएगी।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ईरान से आपूर्ति पूरी तरह बंद हो जाए तो भी भारतीय रिफाइनरियों पर असर नहीं पड़ेगा। लेकिन, भारत अपने पुराने सहयोगियों से तेल खरीद जारी रखना चाहता है।
ईरान पर 4 नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लागू होंगे। इससे ईरान को भुगतान के रास्ते बंद हो जाएंगे। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस महीने के आखिर तक ईरान से सप्लाई प्रभावित नहीं होगी। बाकी 5 महीने (नवंबर से मार्च) में असर पड़ सकता है।
भारत फिलहाल ईरान को यूरो में भुगतान करता है। लेकिन, अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद यह ऑप्शन खत्म हो जाएगा। ऐसे में रुपए में भुगतान का विकल्प रहेगा। सूत्रों के मुताबिक ईरान इसके लिए तैयार है। वह रुपए में मिलने वाले पेमेंट का इस्तेमाल भारत से होने वाले इंपोर्ट के भुगतान के लिए कर सकता है।