जोधपुर लाखों, करोड़ों और अरबों रुपए कमाने के बाद भी कमाई का कुछ हिस्सा आयकर विभाग को न देने के लिए बिजनेस टाइकून को तरह तरह के तरीके बताए जाते हैं, वे भी यह जिम्मेदारी अपने भरोसेमंद प्रोफेशनल पर छोड़ देते हैं।  वे उनकी आमदनी कहीं न कहीं निवेश कर के कागजात में दिखा देते हैं। इस तरह वे आयकरदाता होते हुए भी आयकर नहीं दे पाते। अब आयकर विभाग  अघोषित आय डिक्लेरेशन स्कीम ला रहा है। जिससे छुपी हुई आय उजागर हो जाएगी और काले धन पर अंकुश के लिए कवायद कर रहा है। विभाग ने अब बड़ी मछलियों को उनके द्वारा किए जा रहे निवेश व नकद लेनदेन से फंसाने की तैयारी की है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीडीटीबी) नई दिल्ली के निर्देशानुसार आयकर विभाग ने अभी हाल ही में पूरे प्रदेश से हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन के आंकड़े विभिन्न विभागों एवं एजेन्सियों से एकत्रित किए हैं।

सीडी पर नजर

इसी कड़ी में आयकर विभाग जयपुर मुख्यालय ने करीब 10 हजार आंकड़ों की एक सीडी जारी कर संपूर्ण राजस्थान के अपने कार्यालयों को भेजी। इसमें निर्देश दिए हैं कि सीडी में उपलब्ध आंकड़ों की सहायता से करदाताओं की ओर से प्रस्तुत आयकर विवरणियों से मिलान करें तथा कर अपवंचकों (कर चोरी करने वालों)पर उचित कार्यवाही करंे। मुख्यालय की ओर से रोकड़ लेनदेन पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश हैं।

मिलान कर होगी कार्रवाई

आयकरदाता का बड़ा लेनदेन जो उसकी विवरणी में दिखाया या नहीं दिखाया गया है या उसको काले धन के रूप में इस्तेमाल किया गया है, इस पर नजर रख रहा है।

आयकर विभाग आयकरदाता की विवरणी से मिलान कर इन खर्चो में काले धन का तो इस्तेमाल नहीं किया गया है, मिलान कर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

आयकर विभाग काले धन के इस्तेमाल की जगहों अर्थात अघोषित आय को जिन खर्चो में उपयोग किया जाता है, नजर रखकर कार्रवाई करेगा। आयकर विवरणी में दिखाई नहीं गई आय को काला धन माना गया है।

इन पर रहेगी नजर

– 1 लाख रुपए से अधिक वार्षिक मोबाइल बिल के भुगतान करने वाले।

– 2 लाख प्रतिवर्ष बिजली का बिल घरेलू और 5 लाख रुपए से अधिक प्रतिवर्ष व्यवसायिक भुगतान करने वाले।

– 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा एलआईसी प्रीमियम/इंश्योरेंस का भुगतान करने वाले।

– 2 लाख रुपए या इससे अधिक रुपए विभिन्न शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए डोनेशन देने वाले।

– 10 लाख रुपए या इससे अधिक राशि से मोटर वाहन खरीद करने वाले।

इन निवेशकों पर रहेगी एक नजर

एलआईसी/इंश्योरेंस में निवेशक– 2143

मोबाइल बिल से भुगतान करने वाले– 2979

शिक्षण संस्थानों में डोनेशन देने वाले– 302

एक लाख से अधिक बिजली बिल वाले लोग– 313

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काले धन पर अंकुश की कवायद जारी

सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार व आयकर विभाग की ओर से काले धन पर अंकुश लगाने की दिशा में कदम जारी है। आयकर के नए प्रावधानों के अनुसार 1 जून 2015 के बाद प्लॉट, मकान या भूखण्ड आदि नकद खरीद अथवा बेचान पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269 एसएस तथा 269 टी के तहत उक्त संपूर्ण नकद लेनदेन कर के दायरे में आएगी। जिससे संपूर्ण राशि पर प्लॉट, मकान या भूखण्ड खरीदने एवं बेचने वालो दोनों को पेनल्टी चुकाना अनिवार्य होगा।