लॉयन न्यूज, नेटवर्क। एक बेहद पुराने भजन की पंक्तिया हैं के ‘जो जागत है सो पावत है, जो सोवत है सो खोवत है।’ बदलते वक्त में ये पंक्तिया भी अपना अर्थ बदल रही हैं। क्योंकि आज की भागदौड़ और तनाव भरी जीवनशैली में अगर आपके सोने का रूटीन सही नहीं है तो आप जागकर भी हार्टअटैक, कैंसर और एल्जाईमर जैसी बीमारियां पाने के साथ ही एक स्वस्थ जीवन भी खो रहे हैं। जबकि एक अच्छी और उचित नींद लेकर आप स्वस्थ तन, स्वस्थ मन और एक खुशहाल जिंदगी पा सकते हैं।

स्लीप फाउंडेशन की एक स्टडी बताती है कि अगर आप सोने से ठीक पहले तक मोबाइल फोन या दूसरे गैजेट्स इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसका असर आपकी नींद पर पड़ रहा है। कई बार आप आंख बंद किए घंटों लेटे रह जाते हैं, पर नींद का कोई अता पता नहीं। कभी आप सो तो रहे हैं, पर वह गहराई नहीं होती, जो मिलनी चाहिए। इसका सीधा कनेक्शन आपके मोबाइल फोन और लैपटॉप से है। रात में जल रही घर की लाइट भी जिम्मेदार है।

दरअस्ल मोबाइल फोन और लैपटॉप से निकलने वाली लाइट हमारी नींद में खलल बन रही है। इसकी मौजूदगी में हमारा शरीर मेलाटॉनिन रिलीज नहीं कर पाता, जिसकी मौजूदगी हमें नींद का अहसास कराती है।

क्या है मेलाटॉनिन, क्यों है इतना जरूरी?

मेलाटॉनिन हमारे शरीर में बनने वाला एक हार्मोन है। यह हमारे सोने और जगने के साइकल को रेगुलेट करता है। अंधेरा होने पर हमारा शरीर ज्यादा मेलोटॉनिन बनाता है, जो हमारे शरीर को सोने के लिए कहता है। रोशनी हमारे शरीर में मेलाटॉनिन का प्रोडक्शन रोक देती है या कम कर देती है। यह हमें जगे रहने को कहता है। अगर मेलाटॉनिन बनने की प्रक्रिया पर अधिक असर पड़ता है तो डिप्रेशन, क्रॉनिक पेन और अल्जाइमर की समस्या हो सकती है। मेलाटॉनिन लैब में भी तैयार किया जाता है। इसे सुपरविजन में डिप्रेशन और अल्जाइमर में दिया जाता है।

कम नींद लेने से बढ़ रहा अल्जाइमर

जो लोग कम नींद लेते हैं, उनके भीतर गुस्सा और चिड़चिड़ापन अधिक देखने को मिलता है। उनका स्वभाव काफी हद तक आक्रामक हो जाता है। यहां तक कि यह अल्जाइमर जैसे घातक रोग की वजह भी बन रहा है, जो दिमाग को नकारा बना देता है।

क्या हैं कम नींद लेने के नुकसान

नींद पूरी नहीं हो पाने चलते आपका शुगर इनटेक बढ़ जाता है जिससेे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही आपकी हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। क्योंकि नींद की कमी की वजह से शरीर में मिनरल्स का बैंलेस बिगड़ जाता है और बॉडी प्रॉपर हील नहीं हो पाती है।
नींद की कमी के चलते हमारी बॉडी अच्छी तरह से डिटॉक्स भी नहीं हो पाती है जिसके चलते ऐसे लोगों में जिन्हें लम्बे समय से नींद न आ रही हो या वो नींद नहीं ले पा रहे हो उनमें हार्टअटैक और कई अलग-अलग तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं में नींद की कमी के चलते महावारी सम्बन्धी रोग भी सामने आये हैं।

सोने के दौरान शरीर में होती है मरम्मत

अच्छी सेहत का राज है अच्छी नींद। हम सोते समय अचेतन अवस्था में होते हैं, अपने आसपास की दुनिया से बिलकुल बेखबर। इस दौरान हमारे शरीर और दिमाग की खामियों की मरम्मत होती है। बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लडऩे की ताकत बढ़ जाती है। दिमाग में नई ऊर्जा और नए विचार जन्म लेते हैं। तभी डॉक्टर बीमार शख्स को पहली सलाह आराम की ही देते हैं।

ऐसे आएगी अच्छी नींद

नींद की कमी को दूर करने के कई उपाय हैं। सबसे पहले तो आपको अपनी दिनचर्या ही बदलनी होगी। इलेक्ट्रिक गैजेट्स पर अधिक समय बिता रहे हैं, तो उसे कम कर दें। रोजाना सुबह-शाम टहलने निकलिए, यार-दोस्तों से बातचीत करिए। हल्की-फुल्की यानी मॉडरेट एक्सरसाइज कर सकें, तो बेहतर होगा। सबसे जरूरी बात यह है कि नशे और कैफीनयुक्त पदार्थों से दूर रहें। कम से कम सोने से दो घंटे पहले इनका सेवन बिलकुल भी न करें। रात में बेड पर जाने से 2 घंटे पहले मोबाइल और दूसरे गैजेट्स दूर रख दें।