– डेह नागौर में आयोजित होगा राष्ट्रीय स्तरीय समारोह
– नेम प्रकाशन की ओर से विभिन्न विधाओं के पुरस्कार में युवा पुरस्कार बीकानेर के पुनीत कुमार रंगा की चर्चित काव्य कृति ‘मुगत आभौ’ पर घोषित हुआ

लॉयन न्यूज, बीकानेर। राजस्थानी के चर्चित युवा साहित्यकार पुनीत कुमार रंगा को उनकी चर्चित राजस्थानी काव्य कृति ‘मुगत आभौ’ पर वर्ष 2024 का प्रतिष्ठित दिलीप कुमार पहाडिय़ा राजस्थानी युवा पुरस्कार प्रदत्त किया जाएगा।

नेम प्रकाशन, डेह नागौर की पुरस्कार आयोजन समिति के अध्यक्ष पवन पहाडिय़ा, संयोजक लक्ष्मण दान कविया, संरक्षक सुखदेव सिंह गादड, सूत्रधार डॉ. गजादान चारण ने वर्ष 2024 के राजस्थानी भाषा साहित्य पुरस्कारों की घोषणा करते हुए बताया कि पुरस्कृत होने वाले सभी साहित्य साधकों को 11 हजार रुपए नगद राशि, सम्मान-पत्र, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और साहित्य आदि आगामी जून माह में डेह नागौर में आयोजित होने वाले इस राष्ट्रीय स्तरीय समारोह में अर्पित किए जाएंगे। इसी संदर्भ में पहाडिय़ा एवं कविया ने बताया कि इस बार का यह आयोजन महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इस बार के 28 पुरस्कृत विभूतियों के साथ अबतक पुरस्कृत साहित्यकारों की संख्या 108 हो जाएगी। जो अपने आप में ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण होगी।

ज्ञात रहे पुनीत कुमार रंगा को वर्ष 2019 का राजस्थानी अकादमी के ‘प्रेम जी प्रेम’ राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार इसी चर्चित कृति पर मिला था। इसी प्रकार रंगा 2023 में राजस्थान बाल साहित्य अकादमी के प्रथम विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी बाल साहित्य पुरस्कार से समादृत हो चुके है। रंगा बीकानेर नगर निगम और राव बीकाजी संस्थान की ओर से युवा साहित्यकार के रूप में सम्मानित हुए है। इसी तरह सोजत (पाली) से राष्ट्रीय स्तरीय युवा प्रतिभा सम्मान के साथ-साथ प्रदेश एवं देश की अन्य साहित्यक संस्थाओं से भी आप सम्मान प्राप्त कर चुके है। राजस्थानी के युवा कवि पुनीत रंगा की अभी तक पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है।

आयोजक पवन पहाडिय़ा व लक्ष्मण दान कविया ने बताया कि वर्ष 2024 के लिए 28 विधाओं के चयनित रचनाकारों की कृतियों आदि के निर्णायक मंडल सदस्य थे डॉ. गजादान चारण, मिठेश निर्मोही, डॉ. मीनाक्षी बोराणा, सांवलदान कविया, डॉ. रामरतन लटियाल, डॉ. सुखदेव राव, श्रीराम वैष्णव, गोविन्द सिंह कविया आदि।

पुनीत कुमार रंगा को नेम प्रकाशन नागौर की ओर से घोषित विभिन्न विधाओं के पुरस्कारों में राजस्थानी युवा पुरस्कार मिलने पर विभिन्न कलानुशासनों के गणमान्यों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी।