लॉयन न्यूज। कोरोना वायरस के इलाज में फिलहाल प्लाज्मा थेरेपी को बहुत कारगर बताया जा रहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अमेरिका ने भी कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए दिल्ली मॉडल को लागू किया है। केजरीवाल ने कहा था कि अमेरिका ने कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को अपनाया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि वो कहते थे कि अमेरिका जो आज करता है, भारत कल करेगा लेकिन अब दिल्ली का अनुसरण अमेरिका कर रहा है। हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में भारत में मरीजों को दी जा रही प्लाज्मा थरेपी पर स्टडी की गई है जिसके नतीजे निराश करने वाले हैं। स्टडी के अनुसार, प्लाज्मा थेरेपी हल्के से गंभीर लक्षण वाले कोरोना वायरस के मरीजों में मरने के खतरे को किसी तरह कम नहीं करती है। स्टडी में ये भी कहा गया है कि गंभीर मामलों में प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद भी मौत का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, ये थेरेपी इंफेक्शन को भी बढऩे से नहीं रोकती है। स्टडी के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस ट्रायल को प्लासिड ट्रायल का नाम दिया गया है। इस स्टडी के नतीजे प्रीप्रिंट सर्वर मेडरिक्स पर प्रकाशित किए गए हैं।