लॉयन न्यूज, बीकानेर। राजस्थान में दहशत के दूसरे नाम बन चुका था गैंगस्टर आनंदपाल सिंह। नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में जन्मा आनंदपाल अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका था। बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंद पाल का शौक रहा है। लोगों का कहना है कि खतरनाक हथियारों पर आनंदपाल प्रदेश के अपराध जगत का बेताज बादशाह बनने की कोशिश में लगा था। लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं आनंदपाल पर।

जानिए कौन है गैंगस्टर आनंदपाल…
कौन है गैंगस्टर आनंदपाल सिंह
– आनंदपाल सिंह मूल रूप से नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का निवासी था।
– वह 2006 से अपराध की दुनिया में था।
– वह राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर और भगोड़ा था।
– उसके ऊपर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
– आनंदपाल जेल में बंद था, 2015 में पेशी के दौरान नशीली मिठाई खिलाकर वह जेल से भाग गया था। 3 सितंबर, 2015 को आनंदपाल भागा था।
– यह आरोप है कि हाल ही में नागौर में वसूली का रकम लेने गए आनंदपाल की पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी। इसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि कई जख्मी हो गए थे।
– आनंदपाल लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे कई मामलों में आरोपी था।
– जनता के अनुसार आनंदपाल एके 47, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट इस्तेमाल करता था।

कैसे अपराध की दुनिया में आया आनंदपाल…
– पुलिस के अनुसार आनंदपाल अपराध की दुनिया में बलबीर के गैंग की वजह से आया।
– कहानी शुरू होती है 1997 से। तब बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट दोस्त हुआ करते थे।
– दोनों शराब के धंधे से जुड़े हुए थे, 2005 में हुई एक हत्या ने दोनों दोस्तों के बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी कर दी।
– शराब ठेके पर बैठने वाले सेल्समैन विजयपाल की राजू ठेहट से किसी बात पर कहासुनी हो गई।
– पुलिस के मुताबिक-विवाद इतना बढ़ा कि राजू ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी।
– विजयपाल रिश्ते में बलबीर का साला लगता था। विजय की हत्या से दोनों दोस्तों में दुश्मनी शुरू हो गई।
– बलबीर ने राजू के गैंग से निकलकर अपना गिरोह बना लिया।
– कुछ समय बाद बलबीर की गैंग में आनंदपाल शामिल हुआ तो इनके आतंक ने दहशत फैला दी।

क्या-क्या आरोप थे आनंदपाल पर…
– आनंदपाल लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे 24 मामलों का अपराधी है।
– ऐसे मामलों में प्रदेश की पुलिस को मोस्ट वांटेड क्रिमिनल आनंद पाल की लम्बे समय से तलाश थी।
– आनंदपाल 2006 से अपराध जगत में शामिल हुआ। तब से उसने अपना क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ाया।
– 2006 में उसने राजस्थान के डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
– गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज है।
– जहां 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था।
– सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड को भी आनंद पाल ने ही अंजाम दिया।
– गोदारा और फोगावट की हत्या करने का मामला समय-समय पर विधानसभा में गूंजता रहा है।
– 29 जून 2011 को आनंद पाल ने सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलियां चलाकर तीन लोगों को घायल कर दिया।

पुलिस के अनुसार बुलेटपु्रफ जैकेट पहन खूनी खेल का शौकीन था आनंदपाल…
– आनंदपाल को बुलेट प्रूफ जैकेट पहन खून की होली खेलने का शौक रहा है और कल तक यह शौक उसकी फितरत में था। आनंदपाल ने बीकानेर जेल में अपने विरोधियों पर खूनी हमला कर गोलियों से छलनी कर दिया था।
– उसी दौरान विधानसभा में भी यह मामला कई दिनों तक सुर्खियों में रहा था।
– आनंदपाल सिंह मूल रूप से नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला है।
– खतरनाक हथियारों के बल पर आनंद पाल राजस्थान के अपराध जगत में खुद को पहले नंबर पर लाने के प्रयास करता रहता था।

 

सूत्रों के अनुसार जेल में शाही लाइफ जीता था आनंदपाल…
– जेल से भागने के लिए आनंदपाल ने जेल के डिप्टी से लेकर मुख्य प्रहरी को धन-बल के प्रभाव से काबू में कर लिया था।
– बताया जाता है कि जेल में उसकी एक महिला सहयोगी अनुराधा भी मिलने आती थी।
– अजमेर हाई सिक्युरिटी जेल के सामने चाय की दुकान चलाने वाद्यद्ग ने अपने बयान में बताया था
– उसकी दुकान से रोज सुबह 5 लीटर दूध व 5 लीटर छाछ, जबकि शाम को 6 लीटर दूध जाता था।
– आनंदपाल के खाते में हर महीने 20 हजार रुपए का दूध-छाछ जेल में पहुंचाए जाते थे।
– अजमेर के रहने वाले एक व्यक्ति हर सप्ताह इसका एडवांस हिसाब करता था।
– इसमें से आधा से भी ज्यादा दूध कुख्यात कैदी आनंदपाल खुद पीता था।
– वह जेल के भीतर स्मार्ट फोन इस्तेमाल करता था।
– जेल के भीतर से ही उसका सोशल मीडिया अकाउंट भी ऑपरेट होता था।
– बता दें कि फेसबुक पर उसके नाम से एक पेज ग्रुप है। उसके कई फॉलोअर हैं।

 

कैसे हुआ था जेल से फरार…
– मिठाई में नशे की दवा खिलाकर पहले जेल से भागा था आनंदपाल
– मिठाई में नशे की दवाई क्लोजापीन थी।
– यह बात सिर्फ आनंदपाल, शक्ति सिंह, श्रीवल्लभ व सुभाष मूंड को ही पता थी।
– दवा मिली होने से पुलिसकर्मियों को मिठाई कड़वी लगी। उन्होंने पूछा यह कड़वी क्यों है।
– इस पर आनंदपाल ने कहा था कि इस मिठाई में मेथी मिली है और नागौरी मेथी कड़वी ही होती है।
– बेहोश होने के बाद वह फरार हो गया था।

 

क्या दाऊद बनना चाहता था आनंदपाल?
– आनंदपाल दाऊद से बहुत इम्प्रैस था। वह दाऊद पर लिखी किताबें पढ़ता था।
– दाऊद की तरह आनंदपाल को भी पार्टियां पसंद थी। वह दाऊद की तरह ही गॉगल पहनता था और काफी फैशनेबल भी था।
– आनंदपाल की कमाई का जरिया भी फिरौती वसूलना और तस्करी का काम था।
3 राज्यों के 1000 पुलिसकर्मी ढूंढने में लगे थे…
– 21 आईपीएस, 3000 से ज्यादा पुलिसवाले आनंदपाल को ढूंढने में लगे थे
– आनंदपाल के चंबल के बीहड़ों में जाने की सूचना पर राजस्थान पुलिस, मध्यप्रदेश यूपी पुलिस उसकी तलाश में जुट हुई थी।