अजमेर। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने प्रदेश की सड़कों की गुणवत्ता व तकनीकी बनावट हाईटैक तरीके से परखने का निर्णय किया है। विश्व बैंक की मदद से अजमेर जिले में अत्याधुनिक उपकरण युक्त वैन से सर्वे कर सड़कों के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को भी चिह्नित किया गया। प्रथम चरण में नसीराबाद से देवली तक के 90 किलोमीटर मार्ग का तकनीकी प्रशिक्षण शुक्रवार को पूरा किया गया। प्रदेश में जिलेवार कुल 700 किलोमीटर सड़कों का सैंपल सर्वे किया जाएगा।

सुधार की संभावना तलाशेंगे

सर्वे के जरिए सड़क की मौजूदा स्थिति में सुधार व दुर्घटना संभाव्य क्षेत्र तथा वहां की सड़कों में क्या सुधार किए जा सकते हैं। इन सबकी तकनीकी जानकारी मिल सकेगी। अत्याधुनिक संसाधनों युक्त एक मोबाइल वैन में लगे अत्याधुनिक उपकरणों से सर्वे किया जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया से उपलब्ध सॉफ्टवेयर

सर्वे के लिए प्रयुक्त वैेन की छत पर छह मूविंग कैमरे, ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम, रिवाल्विंग एंटीना लगा है। कैमरे से लगातार रिकार्डिंग की गई। इसमें सड़क की गुणवत्ता, मोटाई, वर्टिकल व हॉरिजेंटल स्थिति, सड़क की चौड़ाई सहित 60 मानकों की परख शामिल है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वैन से की गई रिकार्डिंग की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। सड़क के दुर्घटना संभाव्य क्षेत्र को भी चिह्नित किया जाकर वहां सड़क की गुणवत्ता व बनावट में क्या सुधार अपेक्षित हैं। ऐसे तथ्यों की जानकारी भी मिल सकेगी, ताकि दुर्घटना को टाला जा सके। वैन में लगे कैमरों का सॉफ्टवेयर ऑस्ट्रेलिया से उपलब्ध कराया गया है।