16 – नवंबर – 2018

पंचांग
तिथि – अष्टमी 09:40 उपरांत नवमी

नक्षत्र धनिष्ठा 11:50 उपरांत
शतभिषा

करण –
बव – 09:40
बालव – 22:50

पक्ष – शुक्ल

योग घ्रुव  18:30

वार शुक्रवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

सूर्योदय  07:30

चन्द्रोदय 13:40

चन्द्र राशि – कुम्भ

सूर्यास्त – 17:53

चन्द्रास्त  25:07

ऋतु – हेमंत

हिन्दू मास एवं वर्ष

विक्रम सम्वत – 2075

मास कार्तिक

शुभ और अशुभ समय

शुभ समय

अभिजित  11:49 – 12:43

आज के दिन कोई भी किए गए काम में सफलता निश्चित हैं ! आज प्रभु नारायण को 108 गुलाब पुष्प (पंखुडिया) जरूर अर्पित करे !

आज गोपाष्टमी विशेष पर्व –

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल गोपाष्टमी 16 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन गाय और गोविंद की पूजा-अर्चना करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गाय चराई थी। यशोदा मईया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गौ चारण के लिए नहीं जाने देती थीं। लेकिन एक दिन कन्हैया ने जिद कर गौ चारण के लिए जाने को कहा। तब यशोदा जी ने पंडित से कहकर मुहूर्त निकलवाया और पूजन के लिए अपने श्रीकृष्ण को गौ चारण के लिए भेजा। तभी से इस दिन गाय की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। इसलिए गौ पूजन से गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा करने वालों से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गाय पूरे शरीर में सभी देवी देवताओं का वास माना जाता है।

ऐसी मान्यता हैं की गौ सेवा करने वाले मनुष्यों का जीवन धन धान्य और खुशियों से भर जाता हैं इसलिए गाय माता की पूजा व सेवा करनी ही चाहिए। सभी देवता प्रसन्न होते हैं। जब कृष्ण भगवान ने अपने जीवन के छठे वर्ष में कदम रखा. तब वे अपनी मैया यशोदा से जिद्द करने लगे कि वे अब बड़े हो गये हैं और बछड़े को चराने के बजाय वे गैया चराना चाहते हैं. उनके हठ के आगे मैया को हार माननी पड़ी और मैया ने उन्हें अपने पिता नन्द बाबा के पास इसकी आज्ञा लेने भेज दिया। भगवान कृष्ण ने नन्द बाबा के सामने जिद्द रख दी, कि अब वे गैया ही चरायेंगे। नन्द बाबा ने गैया चराने के लिए पंडित महाराज को मुहूर्त निकालने कह दिया। पंडित बाबू ने पूरा पंचाग देख लिया और बड़े अचरज में आकर कहा कि अभी इसी समय के आलावा कोई शेष मुहूर्त नही हैं अगले बरस तक शायद भगवान की इच्छा के आगे कोई मुहूर्त क्या था। वह दिन गोपाष्टमी का था। जब श्री कृष्ण ने गैया पालन शुरू किया. उस दिन माता ने अपने कान्हा को बहुत सुन्दर तैयार किया। मौर मुकुट लगाया, पैरों में घुंघरू पहनाए और सुंदर सी पादुका पहनने दी लेकिन कान्हा ने वे पादुकायें नहीं पहनी। उन्होंने मैया से कहा अगर तुम इन सभी गैया को चरण पादुका पैरों में बांधोगी, तब ही मैं यह पहनूंगा। मैया ये देख भावुक हो जाती हैं और कृष्ण बिना पैरों में कुछ पहने अपनी गैया को चारण के लिए ले जाते।

अशुभ समय

राहु काल – 11:00 – 12:30

 

दिशा शूल

परिहार – घर से दूध पीकर निकले

दिशा शूल – पश्चिम

आज यात्रा करना शुभ है

आज का दिन और राशियों पर प्रभाव

मेष – शुभ
वृषभ – शुभ
मिथुन – सामान्य
कर्क – अशुभ
सिंह – सामान्य
कन्या – शूभ
तुला – शुभ
वृश्चिक – अशुभ
धनु 5 शुभ
मकर – सामान्य
कुंभ – शुभ
मीन – अशुभ

कौनसी राशि में बैठे हैं कौन से ग्रह

सूर्य 5 तुला
चंद्रमा 5 कुंभ
मंगल – कुंभ
गुरु 5 वृश्चिक (अस्त)
शुक्र – तुला (वक्री)
बुध – वृश्चिक
शनि – धनु
राहु – कर्क
केतु – मकर