ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुड्रो ने कहा है कि वह 1914 में देश में सिखों के प्रवेश की अनुमति न देने के सरकार के फैसले के लिए माफी मांगेंगे। टुड्रो ने कहा, एक राष्ट्र के नाते हमें कभी भी उस दिन कनाडा सरकार के हाथों हुई गलतियों के कारण सिख समुदाय द्वारा भुगती गई परेशानियों को नहीं भूलना चाहिए। टुड्रो ने आगे कहा, इसलिए, अगले माह 18 मई को मैं हाउस ऑफ कॉमन्स में खड़े होकर पूर्ण रूप से कामागाटा मारू घटना के लिए माफी मागूंगा। गौरतलब है कि कामागाटा मारू जहाज की यह घटना 1914 की है। कामागाटा मारू जहाज में उस वक्त पंजाब से 376 लोग सवार थे, जिनमें अधिकतर सिख थे। कामागाटा मारू जहाज 23 मई, 2014 को वेंकुवर बंदरगाह पहुंचा था। कनाडा सरकार ने उस वक्त जहाज के यात्रियों उतरने की अनुमति नहीं दी और कोमागाटा मारू दो महीने तक बंदरगाह में खड़ा रह गया था। इसके बाद 23 जुलाई, 1914 को कनाडा की एक जहाज कंपनी ने अपनी सुरक्षा में लिया और उसे भारत की ओर लौटा दिया, जहां 20 लोगों की उस समय मौत हो गई, जब यात्रियों ने जहाज से उतरने की कोशिश की। बाकी लोगों को जेल में डाल दिया गया। कनाडा के रक्षामंत्री हरजीत सज्जन ने कहा कि वह टुड्रो द्वारा माफी मांगने की प्रतिबद्धता से सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

वैशाखी उत्सव में टुड्रो ने बांधी पगड़ी

कनाडा के नए प्रधानमंत्री जस्टिन टुड्रो का सिख समुदाय के प्रति बेहद खास लगाव रहा है। उनके अपने मंत्रीमंडल में चार सिख हैं। इधर सोमवार को पार्लियामेंट हिल पर आयोजित वैशाखी महोत्सव में वे पगड़ी बांधकर शामिल हुए। अपने चुनाव अभियान में भी वे भांगड़ा कर चुके हैं।