लॉयन न्यूज, बीकानेर। रोडवेज रिटायर्ड एसोसिएशन बीकानेर के सचिव गिरधारीलाल ने बताया कि रोडवेज संवैधानिक संस्थान है। सभी नियंत्रण राजस्थान सरकार के हैं। रोडवेज यात्री किराया बढ़ा नहीं सकता, नयी बसें खरीद नहीं सकता, नयी भर्तियां ले नहीं सकता, प्रशासनिक तंत्र पर पाबंदियां। रोडवेज केवल बेजुबान व प्राणहीन संस्थान बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा यात्रियों की विभिन्न श्रेणियों को छूट तो देते हुए वाहवाही लेते हैं परंतु इसका भुगतान व अनुदान रोडवेज को रुला रुला कर समय पर नहीं करने से करमचारियों को वेतन, पेंशन निर्धारित समय पर नहीं होते हैं।
्रउन्होंने बताया कि बजट वर्ष 2023-24 में रोडवेज व कर्मचारियों के लिए कोई प्रगतिशील व उत्साहजनक सूचना नहीं है। चिंता की लकीरें बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी कहते हैं ‘आप मांगते थक जाओगे, मैं देता हुआ नहीं थकुंगा।” ऐसे कथन रोडवेज पर कम से कम सटीक नहीं लगते। क्योंकि रोडवेज कर्मचारियों को दो माह जनवरी व फरवरी की पेंशन आज 75 दिनों बाद भी नहीं मिली हैं। आर्थिक तंगहाली दिनों दिन बढती जा रही है और रोडवेज व सरकार अभी तक मौन धारण किये हुए हैं।

रोडवेज रिटायर्ड एसोसिएशन बीकानेर की 20 मार्च को होने वाली आम सभा में ये मुद्दे उठाए जायेंगे और मजबूरी में आर पार के आंदोलनों को अंजाम दिये जायेंगे। जिसके लिए रोडवेज व राजस्थान सरकार प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि लगभग 12 हजार रिटायर्ड कर्मचारियों के बकाया विभिन्न परिलाभ…ओवरटाइम, सवैतनिक अवकाश, डे-नाईट अलाउंस अंतर राशि 1997 से, वेतनमान स्थिरीकरण, एरियर, डी.आर.ग्रेच्यूटी, पेंशन इत्यादि करोड़ों रुपयों के भुगतान मांग रहे है। इन बकाया भुगतान देने का सरकार व रोडवेज प्रशासन के पास कोई समय सीमा व एक्शन पलान व जवाबदेही नहीं होने से कर्मचारियों में चिंता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री से हमारी पीड़ा सुनने की गुहार है।