नई दिल्ली. राजधानी में रविवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर के अलावा नॉर्थ इंडिया के कई शहरों में ये झटके लगे। 3.59 बजे पहला झटका और फिर 4.01 बजे तक तीन झटके लगे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 बताई जा रही है। हालांकि, किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान में भी आए झटके…

– भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का नॉर्थ-ईस्टर्न बदखासन सूबे का अश्काशम डिस्ट्रिक्ट था।
– झटके महसूस होने के बाद कई जगह लोग अपने घरों और ऑफिस से बाहर निकल आए।
– झटके पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी महसूस किए गए।
– भूकंप का केंद्र हिंदुकुश की पहाड़ियों में जमीन से 210 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है।
– पाकिस्तान में भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.1 बताई जा रही है।
भारत में कहां-कहां महसूस किए गए झटके?
– दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और गुजरात के कई शहरों में।
दिल्ली में कुछ देर के लिए मेट्राे थमी
– झटकों के चलते दिल्ली में मेट्रो ट्रांसपोर्ट को कुछ देर के लिए रोक दिया गया।
– हालांकि, कुछ देर बाद इन्हें फिर से शुरू कर दिया गया।
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने क्या किया ट्वीट?
– दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भूकंप के झटकों को लेकर ट्वीट किया।
– लिखा- “झटके काफी डरावने थे, मैं सचिवालय की 6th फ्लोर पर फर्नीचर को हिलते हुए देख रहा था। उम्मीद है सब कुछ ठीकठाक होगा।”
मोहाली में क्रिकेट टीम ने खाली किया होटल
– मोहाली में आईपीएल मैच के लिए रुकी गुजरात लायन्स टीम ने झटकों के चलते होटल खाली कर दिया।
– ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एरोन फिंच ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। फिंच ने बताया- मोहाली में होटल को खाली करा लिया गया।
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क्यों आता है भूकंप?
– पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है।
– बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं।
– नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन में है एशिया का बड़ा हिस्सा
– अर्थक्वेक ट्रैक एजेंसी के मुताबिक, हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आ रहे हैं। इसी बेल्ट में हिंदुकुश रीजन भी आता है। इस साल अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी।
– हिमालय कुछ सेंटीमीटर के हिसाब से उत्तर में खिसक रहा है। हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी।
 – इस स्टडी को लीड कर चुके जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सी.पी. राजेंद्रन के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसी जगह पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा बड़ा भूकंप आ सकता है, जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।