अपराध भी चेहरे बदल-बदलकर सामने आ रहे हैं और चकित कर रहे हैं। छत्तरगढ़ की 465 आरडी में पिछले दिनों हुई एक वारदात ने रिश्तों में तरजीह के सारे पैमाने फेल कर दिए हैं। एक महिला ने अपने दो प्रेमियों के चलते पति की हत्या की साजिश रच डाली। पति की मौत हो गई, उस दिन प्रेमी से चैट की और अगले दिन दूसरे प्रेमी से फोन पर बात। वह भी मामी सास के फोन से। नरेश सिंधी की मौत के मामले को हत्या में दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने जब इस संबंध में पड़ताल की तो कईं परतें सामने आईं, लेकिन अभी तक बहुत कुछ उघडऩा बाकी है, लेकिन उघड़ भी जाएगा तो क्या होगा। नरेश सिंधी की मौत हो चुकी है, जिन लोगों ने आरोप स्वीकार किया है, उन पर मुकदमा चलना है। जैसे, बलात्कार की घटनाएं हर बार किसी न किसी थाने में दर्ज होती है। लूनकरणसर में नौवीं में पढऩे वाली छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली है। मामला पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया गया है। श्रीडूंगरगढ़ में 13 साल की युवती के साथ दुष्कर्म का प्रयास हुआ है। ऐसी घटनाएं स्त्री सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले सरकारी ही नहीं सामाजिक दायित्वों पर भी सवाल खड़े करती हैं।

कहा करते थे कि सामान्य लोगों के साथ होने वाली ऐसी घटनाएं जल्दी चौड़े आ जाती है, लेकिन ऊंच-नीच हर वर्ग में चलती रहती है। पूर्व बीकानेर रियासत में चल रहे विवादों की मियाद कितनी। अर्जुन अवार्डी राज्यश्री कुमारी ने एक बार फिर से कमान संभाल ली है। अपने पिता डॉ. करणीसिंह की खेल-विरासत को संभालने वाली राज्यश्री कुमारी बीकानेर के लोगों से मिलती-जुलती रही, लेकिन सिद्धिकुमारी के आविर्भाव के दौरान नेपथ्य स्वीकारा। अब फिर से चर्चा में हैं। संपत्ति विवाद को लेकर भी खबरें आ रही हैं तो कुछ कार्यक्रमों को लेकर भी आशंकाओं के बादल मंडराए हुवे हैं। पिछले दिनों राज्यश्री कुमारी ने पत्रकारों को अपने ‘दरबारÓ में बुलाया। पत्रकार पहुंचे भी। बातें भी हुईं। सम्मान वगैरह भी प्राप्त किया। राज्यश्री कुमारी ने सामंती शैली बिल्कुल भी नहीं छोड़ी है। छोड़ी तो हालांकि सिद्धिकुमारी ने भी नहीं है, लेकिन उनका तरीका अलग है। वे चलते लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान श्रीगंगानगर में एक कार्यक्र्रम के लिए चली जाती हैं। पिछले दिनों जूनागढ़ में मिले कथित सोने के बिस्किट वाले प्रकरण से राजपरिवार से जुड़ा ट्रस्ट चर्चा में आया ही था। इसके बाद राज्यश्री कुमारी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस बुलाने पर अगर मीडिया को लगा कि कोई स्कूप हाथ लगेगा तो ऐसे मीडिया-पर्सन्स को निराशा ही मिली होगी। लेकिन ‘अगर धुआं उठा है तो कहीं आग होगी हीÓ जैसी आशा के चलते मीडिया वालों को चौकन्ना रहना चाहिए।

इस कहावत के साथ चौकन्नी हुई हमारी सेना ने पाकिस्तान के एक ड्रोन को निशाने पर लिया और मार गिराया। इस ड्रोन से जो सामान निकला वह सेना और इंटेलीजेंस को सजग करने के लिए काफी है। इस ड्रोन के साथ नशीले पदार्थ हेरोइन के तीन पैकेट भारत में कहीं भेजे जा रहे थे, जिनकी कीमत दो करोड़ से ज्यादा है। रावला थाने के पास नेमचंद चैक पोस्ट की इस घटना के बाद निश्चित रूप से यह जांच जरूरी हो गई है कि आखिर भारत में हेरोइन किसे भेजी गई।

बहरहाल, बीकानेर में लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। हमने पिछली बार इस कॉलम में चेता दिया गया था कि वोटर को बूथ तक पहुंचाना बड़ी टास्क है। ध्यान नहीं दिया गया। लिहाजा पिछले दो लोकसभा चुनाव से भी कम वोटिंग हुई। 2004 में बीकानेर की जनता ने 61.59 प्रतिशत मतदान किया, इस समय कांगे्रस से प्रत्याशी रामेश्वर डूडी थे और भाजपा ने अभिनेता धर्मेन्द्र को बीकानेर से टिकट दिया। वह रेकार्ड चौथी बार भी नहीं तोड़ा जा सका। 2009 के चुनाव में सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित हुई। भाजपा ने कलेक्टर रहे अर्जुनराम मेघवाल को टिकट दिया, सामने रेंवतराम पंवार थे। इस चुनाव में मतदान प्रतिशत 41.25 रहा। अर्जुन जीते। अर्जुन को फिर 2014 के चुनाव में भाजपा ने टिकट दिया। शंकर पन्नू ने कांगे्रेस की नई योजना में टिकट हासिल किया, मतदान का प्रतिशत रहा 58.45, जीते अर्जुनराम। भाजपा ने फिर से टिकट रिपीट किया। अर्जुनराम मेघवाल के सामने मदन मेघवाल थे। मतदान हुआ 59.43, जीते अर्जुनराम और इस बार चौथी बार टिकट लेकर आए अर्जुनराम का मुकाबला गोविंदराम से था, मतदान प्रतिशत 53.96 प्रतिशत पर ही अटक गया है। ब्यूरोक्रेसी के सूत्र एक लाख, मीडिया और विश्लेषक दो लाख के अंतर से जीत-हार का आकलन करते दिखाई दे रहे हैं, पाटों का गणित अलग ही है। भाजपा वाले जहां भीतरघात को स्वीकार रहे हैं तो कांग्रेसी खुले रूप से कहने लगे हैं कि प्रबंधन कमजोर था। इन सभी के बीच एक व्यक्ति की याद कांग्रेस को बड़ी शिद्दत से आई, वह थे रामेश्वर डूडी। अर्जुन मेघवाल के सिपहसालार भी ऐसी एक सूची बना रहे हैं कि कौन-कौन साथ रहा और कौन-कौन भीतरघातियों के साथ। अलबत्ता, अहमद मुश्ताक के इस शेर में अगर इश्क की जगह सियासत कर दें तो शेर का रंग और निखर आएगा। मुलाहिजा फरमाएं
इश्क में कौन बता सकता है
किस ने किस से सच बोला है