बीजिंग.चीन ने दुनिया की सबसे पावरफुल और लंबी रेंज की मिसाइल का टेस्ट किया है। Dongfeng-41 नाम की ये मिसाइल महज आधे घंटे में 14,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। ये एक साथ 10 न्यूक्लियर वॉरहेड्स ले जा सकती है। मिसाइल टेस्टिंग से साउथ चाइना-सी को लेकर चल रहे विवाद के बीच यूएस-चाइना के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है। पेंटागन ऑफिशियल्स ने इस ‘इंटर-कॉन्टिनेंटल वेपन’ की टेस्टिंग पर नाराजगी जाहिर की है। 30 मिनट में दुनिया के किसी भी कोने पर हमला करने की कैपेबिलिटी…
– मिसाइल की रेंज इतनी ज्यादा है कि ये यूरोप से लेकर यूएस के किसी भी शहर को निशाना बना सकती है।
– ये 30 मिनट में 14,000 किलोमीटर तक की रेंज में तबाही मचा सकती है।
– पेंटागन सोर्सेस ने ‘वॉशिंगटन फ्री बीकन’ नाम की वेबसाइट के हवाले से बताया कि अमेरिकन सैटेलाइट्स और रीजनल सेंसर्स ने मिसाइल टेस्ट के दौरान न्यूक्लियर वॉरहेड्स डिटेक्ट किए हैं।
– चीन की इस टेस्टिंग को इसलिए बड़ा खतरा माना जा रहा है, क्योंकि DF-41 किसी दूसरी इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल और सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल JL-2 से कई गुना ज्यादा पावरफुल है।
– पिछले साल 6 अगस्त को चीन ने दो डमी वॉरहेड्स के साथ DF-41 को टेस्ट किया था।
– बता दें कि पिछले साल 5 दिसंबर को चीन ने DF-41 को रेल से दागने में कैपेबल लॉन्चर की टेस्टिंग की थी।
जिनपिंग ने डिक्लेयर किया खुद को कमांडर-इन-चीफ
 – चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने अब देश पर पूरा कंट्रोल कर लिया है।
– गुरुवार को उन्होंने खुद को चीन की आर्मी का कमांडर-इन-चीफ घोषित कर दिया। अब वे चीन में अब तक के लीडर्स में सबसे ताकतवर हो गए हैं। बुधवार और गुरुवार को वे पहली बार जनता के सामने मिलिट्री यूनिफॉर्म में आए।
कॉन्ट्रोवर्शियल आइलैंड पर पहली बार उतारा मिलिट्री प्लेन
 – चीन ने बीते रविवार पहली बार साउथ चाइना सी के कॉन्ट्रोवर्शियल आइलैंड पर मिलिट्री एयरक्राफ्ट की लैंडिंग कराई।
– जनवरी में पहली बार यहां सिविलियन फ्लाइट की टेस्टिंग की गई थी।
– साउथ चाइना सी के ऊपर पैट्रोलिंग कर रहे एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट को फेयरी क्रॉस रीफ पर लैंडिंग की इमरजेंसी कॉल मिली। तीन बीमार वर्कर्स को निकालने के लिए ये लैंडिंग करवाई गई।
– मिलिट्री एयरक्राफ्ट से इन्हें इलाज के लिए हेनान आइलैंड पहुंचाया गया। आइलैंड पर खड़े एक एयरक्राफ्ट की फोटो भी चीनी मीडिया में पब्लिश की गई है।
– इंटरनेशनल कम्युनिटी को डर है कि चीन इस आइलैंड को फाइटर जेट का बेस बना सकता है।