• मनोज रतन व्यास

लंबे अंतराल के बाद बॉलीवुड के सबसे वर्सेटाइल गायक सोनू निगम एक सिंगिंग शो के फिनाले में बीते हफ्ते टीवी पर नजर आए। 3 घण्टे के शो के दौरान सोनू निगम ने रेगुलर इंटरवेल में अपने कई पुराने नगमें गाए और सभी को हमेशा की तरह मंत्रमुग्ध कर दिया। उसी टीवी शो में सोनू निगम की प्रस्तुतियां इन दिनों सोशल मीडिया की रील्स में टॉप ट्रेंड बनी हुई है। सोनू निगम को लाइव गाते हुए देखकर साफ झलकता है कि उनका रियाज कितना पक्का है, 25 साल पुराने सतरंगी गीत को जिस प्रकार से सोनू निगम ने व्याख्या सहित प्रस्तुत किया,देखकर और सुनकर रियलिटी शो के जज, प्रतिभागी और जनता हतप्रभ थी। असल में सोनू निगम लगभग डेढ़ दशक बाद खुद के स्वभाव में काफी लचीलापन लाकर बॉलीवुड में फिर से सक्रिय हुए है। अरिजीत सिंह-जुबिन नौटियाल के इरा में भी संगीतकार सोनू निगम के लिए गीत बना रहे है। यह सौभाग्य कुमार शानू, उदित नारायण, अभिजीत भट्टाचार्य जैसे गायकों अब नहीं मिल रहा है।

 

असल में तो सोनू निगम को कभी बॉलीवुड ने नजरअंदाज किया ही  नहीं था। साल 2006 से ही सोनू निगम ने यह तय कर लिया था कि अब निकट भविष्य में सिर्फ सलेक्टिव गीतों के लिए पार्श्वगायन करूंगा। उसके बाद सोनू निगम संगीत कॉपीराइट लड़ाई के मेन फेस बन गए, जिसके कारण अधिकांश म्यूजिक कम्पनियों ने उनको बैन सा कर दिया। गुजरे दशक में सोनू उसी टी सीरीज कम्पनी से भिड़ गए जिसके कारण बॉलीवुड में उनको पहचान मिली थी। सोनू निगम ने सार्वजनिक रूप से बड़े स्टार्स पर अनेक कटाक्ष किए थे। परिणामस्वरूप सोनू निगम की गायकी नेपथ्य में चली गई।

कोविड काल के बाद सोनू निगम ने अपने व्यक्तित्व और नजरिए में सकारात्मक बदलाव कर लिया है। अब सोनू निगम किसी भी मुद्दे पर वॉकल होने से परहेज करने लगे है। म्यूजिक कॉपीराइट मुद्दा भी सुलझ चुका है। टीसीरीज के भूषण कुमार से भी सोनू निगम ने सुलह कर ली है। पिछले साल सोनू के गीत दो सुपरहिट फिल्मों एनिमल और डंकी में सुनाई दिए। सोनू के अनेक प्राइवेट गीत और बड़ी फिल्मों में उनके गीत फिर से दर्शकों को इस साल भी सुनाई देंगे।

सोनू निगम जैसा ही स्वघोषित ब्रेक अतीत में अमिताभ बच्चन, आमिर खान जैसे बड़े स्टार्स भी ले चुके है। कालांतर में बिग बी और आमिर खान ने यह माना कि स्वघोषित अंतराल उनके करियर के लिए नुकसानदेह रहा। क्या वाकई में पब्लिक फिगर को एकदम आत्ममुग्ध होकर इस प्रकार के ब्रेक लेने चाहिए? इस विषय पर पक्ष-विपक्ष में कई बातें कही जा सकती है,लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि जो स्वयं को पब्लिक फिगर मानते है, उन्हें पब्लिक के सेंटीमेंट्स का सम्मान करना चाहिए। अगर सोनू निगम मोहम्मद रफी की तरह अविवादित और डाउन टू अर्थ रहते तो,कम से कम उनके हिट गीतों के कैटलॉग में एनिमल के “पापा मेरी जान” और डंकी के “निकले थे घर से” जैसे अनेक गीत होते। जिसके पास प्रचुर मात्रा में प्रतिभा हो,जिसकी पब्लिक डिमांड हो,जिसके हुनर से इतिहास के पन्ने गौरवशाली हो सकते है, उस व्यक्तित्व को निज अभिमान और ठसक छोड़ कर प्रभु प्रदत प्रतिभा के साथ ईमानदारी से न्याय करने की अनवरत कोशिश तो करनी ही चाहिए।