नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास की रूपरेखा तैयार करने में नीति आयोग जुट गया है। इस क्षेत्र की दिक्कतों का हल निकालने के मद्देनजर आयोग ने सोमवार को विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के साथ बैठक की। इसमें सूखा, रोजगार, आजीविका, पेयजल और खाद्य सुरक्षा समेत अन्य पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।

अगले सप्ताह पनगढ़िया से मिलेंगी उमा भारती
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में हुई बैठक में कृषि, जल संसाधन, पंचायती राज, खाद्य एवं आपूर्ति और शहरी विकास मंत्रालय समेत अन्य मंत्रालयों ने हिस्सा लिया। आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक अगले सप्ताह जल संसाधन मंत्री बुंदेलखंड के विकास के मद्देनजर आयोग के उपाध्यक्ष पनगढ़िया और सीईओ अमिताभ कांत समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। याद रहे कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर बुंदेलखंड में सूखे की स्थिति पर हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी जिसमें इस क्षेत्र के लिए आर्थिक सहायता भी मंजूर की गई।

मंत्रालयों के अधिकारियों ने पेश किए सुझाव
आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पनगढ़िया ने बैठक में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसमें बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे, कृषि और किसानों की समस्या प्रमुख थी। मंत्रालयों के अधिकारियों ने इन समस्याओं के संबंध में उठाए जाने वाले कदमों पर सुझाव पेश किए। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री मोदी बुंदेलखंड के मुद्दे पर पनगढ़िया से निजी तौर पर चर्चा कर चुके हैं और उन्हें इस क्षेत्र के विकास के लिए संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर समुचित रूपरेखा तैयार करने को कह चुके हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड, विदर्भ और मराठवाड़ा में सूखे की स्थिति के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा का निर्देश दिया था जिस पर बीते नौ अप्रैल को पीएमओ में बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्षता गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी जिसमें राहत कार्य, पेयजल, रोजगार, आजीविका, खाद्य सुरक्षा, पैकेज और सूखा रोधी प्रयास शुरू करने पर चर्चा हुई थी। साथ ही बुंदेलखंड के लिए राहत के रूप में 264 करोड़ रूपये के पैकेज को अनुमति प्रदान की गई थी।