वाशिंगटन. अमेरिका-रूस एक बार फिर आमने-सामने हैं। बाल्टिक सी में इसी हफ्ते सोमवार-मंगलवार की शाम यूएस नेवी और रूसी फाइटर प्लेन्स के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि दो रूसी फाइटर जेट ने यूएस नेवी के वॉरशिप का चक्कर लगाया। करीब 30 फीट से भी कम ऊंचाई से वॉरशिप की निगरानी की, फोटो लिए। व्हाइट हाउस ने रूस की इस हरकत पर कड़ा एतराज जताया है। इसे उकसाने वाला कदम बताया है।इसलिए बने जंग जैसे हालात, क्यों आए थे रुसी फाइटर प्लेन…
– विदेशी मीडिया के मुताबिक, रूस के Su-24 fighter प्लेन पहले अमेरिकी डिस्ट्रॉयर डोनाल्ड कूक (DDG 75) के ऊपर से गुजरे फिर निगरानी की।
– बताया जा रहा है कि उस वक्त अमेरिकी वॉरशिप कालिनिनग्रैद से 70 माइल्स दूर ऑपरेट हो रहा था।
– उसी दौरान दो रूसी प्लेन्स आए।
– अमेरिका का दावा है कि उनका वॉरशिप वहां रुटीन ट्रेनिंग मिशन पर था।
 बाल्टिक सी में क्या हुआ?
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 अप्रैल को डोनाल्ड कूक पर आर्मी हेलिकॉप्टर डेक लैंडिंग ड्रिल्स की प्रैक्टिस कर रहे थे।
– लोकल टाइम के मुताबिक, तीन बजे दो रूसी SU-24 जेट्स काफी क्लोज रेंज से उड़े।
– इसके चलते डेक पर रिफ्यूलिंग में लगे एक हेलिकॉप्टर का बैलेंस गड़बड़ा गया।
– शिप से तुरंत फ्लाइट का ऑपरेशन रोक दिया गया। जब तक रूसी जेट चले नहीं गए।
– ठीक इसी तरह 12 अप्रैल को भी इसी तरह की घटना देखने को मिली।
– इस बार रूसी हेलिकॉप्टर KA-27 Helix ने अमेरिकी वॉरशिप का चक्कर लगाया। फोटोज लिए।
– बताया जा रहा है कि रूस का ये हेलिकॉप्टर इतनी ताकत रखता है कि एक सबमरीन को भी डुबाे सकता है। इसके कारण अमेरिका ने इसे उकसाने वाला कदम बताया है।
 अमेरिका ने क्या कहा?
– यूरोप-अफ्रीका में यूएस नेवल फोर्स के कमांडर एडमिरल मार्क फेरगुसैन ने कहा, ”हमारे हिसाब से डोनाल्ड कूक का इतने करीब आना, छल करना एक गैर-पेशेवर और अनसेफ रवैया है।”
– ”हमारा जहाज इंटरनेशनल वाटर में प्रोफेशनल मैनर में ऑपरेट हो रहा है। हम बाल्टिक सी में अपने साथी देशों के साथ एक्सरसाइज कर रहे हैं। इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”