सिलवर स्क्रीन

एक बॉलीवुड फिल्मकार जिसने सिने इतिहास की अनेक ब्लॉकबस्टर फिल्में दी है लेकिन स्वयं निर्देशक के रूप में बॉक्स ऑफिस की खिड़कियों को हिला न सके,नाम है विधु विनोद चोपड़ा। 71 साल के विधु विनोद चोपड़ा स्वयं को सिनेमा का बड़ा ज्ञानी मानुष समझते है, लेकिन खुद आज तलक एक बड़ी सुपरहिट फिल्म नही दे पाएं है।71 साल के विधु विनोद चोपड़ा फिजीकली सुपर फिट है,दिखने में चार पांच दशक पूरे कर चुके बौद्धिक व्यक्ति से लगते है। आज ही विनोद चोपड़ा की नई फ़िल्म 12th फेल रिलीज हुई है, जो एक आईपीएस ऑफिसर के संघर्ष की दास्तां है। फ़िल्म को कोई लेकर विशेष बज्ज बॉलीवुड इंडस्ट्री में नही है जबकि विधु विनोद चोपड़ा ने ही मुन्नाभाई सीरीज, पीके,3 इडियट्स, संजू जैसी सुपर डुपर हिट फिल्में प्रोड्यूस की है।

विधु विनोद चोपड़ा ने 3 साल पहले भी कश्मीरी पंडितों पर बेस्ड फ़िल्म “शिकारा” बनाई थी,जो कब आई और कब गई किसी को पता ही नही लगा। विनोद चोपड़ा ने धीरे धीरे बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी साख जमाई है। आज विनोद चोपड़ा के पास करीब 800 से 1000 करोड़ के बीच की सम्पति होगी,लेकिन उनके सृजन संसार को जग पिछले चार दशकों से स्वीकार ही नही कर पा रहा है।

विनोद चोपड़ा की ही स्कूल से संजय लीला भंसाली और राज कुमार हिरानी जैसे बड़े फ़िल्म डायरेक्टर निकले है। संजय लीला भंसाली ने विनोद चोपड़ा की 1942 ए लव स्टोरी के कुछ गीतों का फिल्मांकन किया था,संजय की तरह ही राज कुमार हिरानी भी विनोद चोपड़ा के सहायक हुआ करते थे।

विधु विनोद चोपड़ा के मिडिल नेम में भले ही विनोद हो लेकिन उनकी तासीर बहुत एग्रेसिव है। भंसाली भी क्रोधी स्वभाव के है, इसलिए भंसाली बहुत पहले ही विनोद चोपड़ा का साथ छोड़कर अपनी राह पर चल पड़े।
विनोद चोपड़ा ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत 1976 में एक डिप्लोमा मूवी “मर्डर एट मंकी हिल” से की थी। विनोद चोपड़ा को बॉलीवुड पटल पर स्थापित किया राज कुमार हिरानी की 2004 में आई कल्ट फ़िल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस ने,उसके बाद तो विनोद चोपड़ा पर अगले दो दशकों तक लक्ष्मी की खूब कृपा हुई।

विनोद चोपड़ा ने लगे रहो मुन्ना भाई,3 इडियट्स, पीके और संजू से अरबों रुपयों कमाए। इस बीच खुद ने हॉलीवुड में जाकर धाक जमाने की कोशिश की,पर वहां पर भी आशातीत सफलता हाथ नही लगी। विनोद की हॉलीवुड फ़िल्म “ब्रोकन हॉर्सेज” की नाकामी ने विनोद ने दिल ब्रेक कर दिया। विनोद चोपड़ा अमिताभ बच्चन, संजय दत्त,सैफ अली खान और विद्या बालन जैसे नामचीन सितारों के साथ एकलव्य जैसा हादसा भी रच चुके है।
आज विधु विनोद चोपड़ा अकेले पड़ गए है। संजय लीला भंसाली के बाद राजू हिरानी भी विनोद का साथ छोड़ चुके है। राजू हिरानी की शाहरुख खान अभिनीत फिल्म “डंकी” जो इस साल दिसंबर एंड में रिलीज होगी,विनोद चोपड़ा के बिना किसी सहयोग के बन रही है। असल में तो आज विनोद को राजू की जरूरत है, राजू को तो हर बड़ा फ़िल्म स्टूडियो मुंह मांगा दाम देने को तैयार है।

जो विनोद चोपड़ा अनेक कालजयी कृतियों के भागीदार और क्रिएटर है, वो स्वयं अपने निर्देशन में वैसी रिकॉर्ड तोड़ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन वाली फिल्में क्यों नही बना पाता है? इसकी कई वजहें है।
विधु विनोद चोपड़ा अति आत्ममुग्ध शख्स है। विनोद चोपड़ा अपनी हर फ्लॉप फ़िल्म के बाद कहते है कि उनकी फिल्मों जैसे कंटेट के लिए भारत की ऑडियंस अब तक तैयार नही हुई है। उन पर हॉलीवुड का हैंगओवर है, पसंदीदा फिल्मों और निर्देशकों का नाम पूछने पर विनोद हॉलीवुड के गीत गाने लगते है। विनोद को अमिताभ बच्चन से ज्यादा अल पचीनो पसन्द है। राज कपूर से ऊपर स्टीवन स्पीलबर्ग को तरजीह देते है।

विधु विनोद चोपड़ा बॉलीवुड के उन गिने चुने फिल्मकारों में से है जो फ़िल्म की ड्राफ्टिंग पर खासा तवज्जों और समय लगाते है। विनोद सस्ती और मसाला फिल्मों के सदा खिलाफ रहे है, यही उनकी यूएसपी रही है। विधु विनोद चोपड़ा को अब निकट भविष्य में अपनी बुद्धिलब्धि के साथ लोगो की पल्स को भी समझना चाहिए,जिसे बॉलीवुड को यूनिक कहानियों पर बेस्ड नया सिनेमा मिलता रहे और विनोद चोपड़ा की तिजोरी भी निकट भविष्य में भरती रहे।

मनोज रतन व्यास

फिल्म समीक्षक