एक आदेश ने बदल दिया समीकरण
लॉयन न्यूज,बीकानेर,3 अप्रैल। लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी बयानबाजी और आरोपों की बौछारे तेज हो गयी है। दूसरे चरण के चुनावों के लिए नामांकन का दौर जारी है। बॉर्डर क्षेत्र की लोकसभा सीट से निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने मैदान में कूदने का पुरा मन बना लिया है। भाटी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होने जनता की सहमति से चुनाव में कूदने का एलान किया है। ऐसे में अब पीछे हटने का सवाल हीं पैदा नहीं होता है। भाटी ने मुहूर्त के समय अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं चार अप्रैल को बड़ी रैली के जरिये वो अपनी ताकत दिखाएंगे।

 

पहले भाटी के भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हो गयी थी जब भाटी सीएम भजनलाल से आवास पर मिले। जिसके बाद भाटी सीएम के साथ जोधपुर से चार्टर में सीएम के साथ उदयपुर भी गए तो चर्चाओं का दौर शुरू हेा गया था कि भाटी और भाजपा एक बार फिर साथ-साथ होंगे लेकिन इसी बीच एक आदेश ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया। इसी आदेश को लेकर अब एक पत्र वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि इसी को लेकर भाटी और उनके समर्थक खासे खफा है और भाजपा में शामिल होने की सहमति नहीं बन पायी। दरअसल भाटी के विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र में हैडपंप के लिए प्रदेश की सरकार से निवेदन किए था।

3 माह तक भाटी के क्षेत्र में एक भी काम नहीं हुआ था। सरकार विधायक को तवज्जो देने की बजाय हारे हुए बीजेपी प्रत्याशी को प्राथमिकता दे रही थी।14 मार्च को जारी हुए एक सरकारी आदेश ने भाटी के चुनाव लडऩे की रूपरेखा तैयार कर दी। इस आदेश में स्वरूप सिंह खारा की डिजायर पर 20 हैंडपंप की स्वीकृति दी और विधायक भाटी की डिजायर पर सिर्फ दो हैंडपंप स्वीकृत हुए।इसमें शिव विधानसभा को लेकर आगे विधायक और भाजपा प्रत्याशी का नाम भी लिखा गया है। इसमें साफ लिखा है कि स्वरूप सिंह खारा की डिजायर पर 20 और विधायक भाटी की डिजायर पर 2 हैंडपंप स्वीकृत किए गए। बताया जा रहा है कि इसी हैडपंप के स्वीकृति को लेकर शिव विधायक खासे खफा हुए और समर्थन के बजाय चुनाव में कूदने का एलान कर दिया।