नई दिल्ली। मोदी सरकार देश में स्मार्ट शहर बनाने और अमृत योजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अहम कदम उठाती नजर आ रही है। पैसे की कमी को दूर करने के लिए पीपीपी मॉडल अपनाने का फैसला भी सरकार ने किया है। केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू ने इस बात की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस समय हम स्मार्ट शहर व कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण हेतु अटल मिशन (अमृत) योजनाआें के तहत जो धन उपलब्ध करा रहे हैं वह पर्याप्त नहीं है। मैं यह जानता हूं। यह (आवंटन) आंकड़ा बड़ा नहीं है लेकिन कार्यान्वयन के लिहाज से वह पर्याप्त नहीं है।

शहरी विकास मंत्री नायडू ने ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स की एक बैठक में कहा कि शहरी क्षेत्र में अगले 5-6 साल में 18 लाख करोड़ रुपए के निवेश की गुंजाइश है जिसमें एक लाख करोड़ रुपए अमृत के तहत, 2.50 लाख करोड़ रुपए स्मार्ट शहर मिशन व 66000 करोड़ रुपए स्वच्छ भारत मिशन के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा अच्छा दिखता है लेकिन पर्याप्त नहीं है। मैं जानता हूं। इसलिए हमने पी.पी.पी. मॉडल अपनाने का फैसला किया है। नायडू ने देशभर से आए मेयरों को बताया कि 2016 आेर 2020 के दौरान केंद्र शहरी स्थानीय निकायों को 87,147 करोड़ रुपए सीधे ही उपलब्ध कराएगा।