पाली।   मीरा की इस धरती पर संगीत के दीवानों और संगीतकारों की वैसे तो कोई कमी नहीं है, लेकिन अब युवा भी इस क्षेत्र में रुचि ले रहे हैं। ये युवा न सिर्फ शौकिया संगीत सीख रहे हैं, बल्कि वे संगीत को ही अपना कॅरियर भी बनाने को बेताब हैं। यही कारण है कि शहर के कई युवा अपने हुनर को तराशते हुए सिर्फ जिले ही नहीं, राज्य व देश में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। इसके कारण अब कई युवाओं को बॉलीवुड के बड़े संगीतकारों व म्यूजिक डायरेक्टर के ऑफर भी मिल रहे हैं।

मिलती है शांति

सीए शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर राहुल बालड राष्ट्रीय स्तर पर पेशेवर संगीतकार के रूप में अपनी छवि बना चुके हैं। शास्त्रीय संगीत को तरजीह देने वाले राहुल बताते हैं कि स्कूल के दिनों में ही रुचि संगीत में होने के कारण मैंने तय कर लिया था कि मेरी प्राथमिकता संगीत होगी। समय के साथ मौका मिलता गया और  धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों में संगीत देना शुरू किया तो हुनर और भी निखर आया।

संगीत से है रिश्ता

संगीत की धुन तैयार करने को अपना प्रोफेशन बना चुके प्रमोद भंसाली स्कूली शिक्षा के समय से ही संगीत से जुड़ गए। समय के साथ लिखने का भी शौक जगा और बाद में गीतों की धुन तैयार करने लगे। प्रमोद के बारे में बताया जाता है कि इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण, प्रवीण तोगडि़या, सुषमा स्वराज जैसी हस्तियों के कार्यक्रमों में अपनी वाक्कला की छाप छोड़ी है।

 तय की प्राथमिकता

सितार वादक शैलेंद्र तंवर गजल गायकी के क्षेत्र में सारेगामापा फेम धनन्जय भट्ट के साथ कई प्रोग्रामों में भागीदारी निभा चुके हैं। यही नहीं ये माउंट आबू के पांडव भवन में सुरेश वाडेकर व साधना सरगम समेत रविंद्र जैन के साथ भी संगत कर चुके हैं। शैलेंद्र बताते हैं कि सितार सुनने में शांति मिलती है, जब तक दिन के 2 घंटे सितार के साथ न बिताऊं कहीं मन ही नहीं लगता।  यही कारण है कि संगीत में ही मैं अपनी मंजिल देखता हूं।

सीरियल से पहचान

पिछले तीन वर्षों से बैकग्राउंड बांसुरी वादन व निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमा रहे  देवांग सोनी को पहचान धारावाहिकों से मिली। कई वर्षों से तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल में वे संगीत दे रहे हैं। अन्य कई धारावाहिकों में भी ये दिखाई दे चुके हैं। श्रीश्री रविशंकर द्वारा आयोजित वल्र्ड कल्चरल फेस्टिवल में भी इन्होंने भागीदारी निभाई है। एक भोजपुरी फिल्म में संगीत देने का ऑफर मिला है, जिसे लेकर वे उत्साहित हैं।

रूह में संगीत कुरीद

सितार वादन के लिए जिले में ख्यात सोजत सिटी के हितेश सांखला खुद तो शास्त्रीय संगीत के मुरीद हैं ही, ये अन्य युवाओं में भी इसकी अलख जगाने प्रयास कर रहे हैं। पाकिस्तान घराने के पंडित वासुदेव शर्मा से गिटार की शुरुआती शिक्षा लेने का गौरव भी इन्हें प्राप्त है। कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हितेश धीरे-धीरे ही सही अपनी मंजिल की ओर अग्रसर हैं।