अजमेर।   राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में सफल अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी नहीं करेगा। अलबत्ता उन सभी अभ्यर्थियों का परिणाम जारी करेगा जिनके रीट में 60 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक होंगे। जिलावार पदों की संख्या के हिसाब से मेरिट और नियुक्तियों का मामला राज्य सरकार तय करेगी। प्रदेश में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 15 हजार पदों पर भर्ती की जानी है। इसके लिए शिक्षा बोर्ड ने 7 फरवरी को रीट का आयोजन किया था। जिलावार रिक्त पदों की संख्या जारी नहीं होने से परीक्षा दे चुके लाखों अभ्यर्थियों के बीच परिणाम को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी। बोर्ड प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उन सभी अभ्यर्थियों का परिणाम जारी किया जाएगा जिनके परीक्षा में 60 फीसदी अथवा उससे अधिक अंक होंगे। राज्य सरकार ने भी अध्यापक भर्ती की पात्रता के लिए रीट में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य कर रखा है।

आठ लाख से अधिक अभ्यर्थी

15 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए रीट में 8 लाख 13 हजार 977 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। कक्षा एक से पांच तक प्रथम स्तर के लिए एक लाख 47 हजार 801 अभ्यर्थी और कक्षा पांच से आठवीं में पढ़ाने के लिए द्वितीय स्तलेंगे पसंदीदा जिले का विकल्पर के लिए 6 लाख 66 हजार 176 अभ्यर्थी परीक्षा दे चुके हैं। प्रथम स्तर और द्वितीय स्तर पर बराबर संख्या में 7500-7500 अध्यापकों की नियुक्ति होगी।

लेंगे पसंदीदा जिले का विकल्प

रीट में 60 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले पात्र अभ्यर्थियों से नियुक्ति के लिए उनके पसंदीदा जिले का विकल्प मांगा जाएगा। उसके बाद उस जिले में रिक्त पदों के हिसाब से वरीयता सूची बनाई जाएगी। इसके पश्चात पंचायती राज विभाग के माध्यम से उस जिले की कट ऑफ माक्र्स के तहत मेरिट में आए अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी।रीट में 60 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक लाने वाले सभी अभ्यर्थियों के परिणाम के तहत रोल नंबर जारी किया जाएगा। सरकार ने भी अध्यापक भर्ती पात्रता के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाने का प्रावधान किया है। जिलावार योग्यता सूची बनाने अथवा नियुक्ति का मामला बोर्ड के क्षेत्राधिकार में नहीं है।