साइड स्टोरी- रोशन बाफना
लॉयन न्यूज, बीकानेर। घोटालों का गढ़ कहे जाने वाले पीबीएम अस्पताल को लेकर बड़ी साइड स्टोरी सामने आ रही है। ज्ञात रहे कि यहां 2011 से अब तक हुई छोटी-बड़ी हर गड़बड़ी को खोज निकालने के लिए चार अफसरों की टीम गठित हो चुकी है। टीम के गठन के साथ ही पीबीएम के रिटायर्ड व कार्यरत सभी डॉक्टरों के हलक से पानी उतरना भी दुभर हो चुका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी ललित कुमार की निगरानी में गठित टीम में दो आईएएस अफसर हैं तो दो आरएएस अफसरों को भी शामिल किया गया है। इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार के अलावा राजनीतिक साइड स्टोरी भी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक गहलोत और पायलट के बीच जगतजाहिर दूरियां ही इस जांच टीम के गठन का कारण है। बताया जा रहा है कि गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले एक आईएएस अफसर के साथ किए गए बुरे बर्ताव के बाद ये कार्रवाई शुरू हुई है। सूत्रों का कहना है कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सचिन पायलट के नजदीकी माने जाते हैं, इसी वजह से वे गहलोत से थोड़े दूर हो जाते हैं। साइड स्टोरी के अन्दर की साइड स्टोरी यह है कि गहलोत के नजदीकी आईएएस अफसर मंत्री से इसलिए नाराज हैं क्योंकि अपने पर आया कोई भूंड का ठीकरा उन्होंने आईएएस पर दे दिया था। जिस वजह से अफसर का विभाग भी परिवर्तित हुआ। हालांकि इस साइड स्टोरी से पीबीएम में हो रहे भ्रष्टाचार की साइड स्टोरी खत्म नहीं हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि टीम के गठन का कारण चाहे राजनीतिक रहा हो परिणाम भ्रष्टचारियों के लिए भारी होंगे। कहा जा रहा है कि पीबीएम में 2011 से अब तक हुई हर खरीद-फरोख्त, टेंडर यहां तक कि नौकरी से संबंधित दस्तावेज व खाते खंगाले जाएंगे। अंदरखाने रिपोर्ट है कि छोटे-छोटे बाबुओं से लेकर बंगलों वाले डॉक्टरों को अपनी कुंडली में दोष दिखने लगा है। सूत्रों का कहना है कि इसमें दिल और दिमाग के साथ अलग-अलग तरह के बहुत सारे डॉक्टर शिकंजे में आएंगे। इसी के अन्दर एक साइड स्टोरी यह भी बाहर आ रही है कि तबादलों में हुई गड़बड़ी भी जग-जाहिर हो सकती है। ज्ञात रहे कि गहलोत के ओएसडी की देखरेख में गठित इस टीम द्वारा की जाने वाली जांच में रघु शर्मा का हस्तक्षेप नहीं रहेगा।