प्रीडेटर ड्रोन लगातार 35 घंटे तक आकाश में चक्कर लगा सकते हैं, इन्हें इस लिहाज से भी जरूरी माना जा रहा है कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार जहाजों और पनडुब्बियों की मौजूदगी बढ़ा रहा है

नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने के लिए अमरीका से 40 प्रीडेटर XP सर्विलांस ड्रोन खरीदने का मन बना लिया है। इसे लेकर बातचीत भी चल रही है। भारत कश्मीर के पहाड़ी इलाकों की निगरानी के लिए पहले ही इजरायल से ड्रोन हासिल कर चुका है। अमरीकी रक्षा मंत्री एस्टन कार्टर के अगले हफ्ते भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच वार्ता में इस मुद्दे का जिक्र होने की संभावना है।

सेना कर रही मानवरहित तकनीक को मजबूत

अधिकारियों ने बताया कि सेना को मानवरहित तकनीक से मजबूत़ करने का प्रयास किया जा रहा है। अमरीका के साथ बढ़ते सैन्य संबंधों को देखते हुए भारत ने मानवरहित प्रीडेटर ड्रोन के बारे में बात की है। इसका निर्माण जनरल ऐटॉमिक्स कंपनी ने किया है। जनरल ऐटॉमिक्स के CEO विवेक लाल ने कहा कि हमें प्रीडेटर में भारतीय नौसेना की रुचि के बारे में पता है। हालांकि इस बारे में सरकार के स्तर पर बातचीत हो रही है।

अमरीकी सरकार ने पिछले साल भारत को प्रीडेटर XP बेचने के लिए जनरल ऐटॉमिक्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि ड्रोन की आपूर्ति कब की जाएगी। नौसेना इन्हें हिंद महासागर की निगरानी करने के लिए खरीदना चाहती है।

लगातार 35 घंटे तक रख सकते हैं दुश्मनों पर नजर

प्रीडेटर ड्रोन लगातार 35 घंटे तक आकाश में चक्कर लगा सकते हैं। इन्हें इस लिहाज से भी जरूरी माना जा रहा है कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार जहाजों और पनडुब्बियों की मौजूदगी बढ़ा रहा है। देश में चीनी सेना के बार-बार घुसपैठ के मद्देनजर भारत इन मानवरहित विमानों के जरिये अपने अस्त्र-शस्त्र के जखीरे को और मजबूत करना चाहता है।