साइड स्टोरी -रोशन बाफना
लॉयन न्यूज, बीकानेर। राज्य के टॉप टेन अपराधियों में शामिल अमीन और उसको आश्रय देने वाले रेलवे कर्मचारी गोपाल धोबी पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार गोपाल धोबी पर श्रीगंगानगर पुलिस धारा 216 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करेगी। ज्ञात रहे कि धारा 216 आईपीसी उस व्यक्ति पर लगाई जाती है जो किसी भी आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा पाने वाले अपराधी को आश्रय देकर बचाता है। ऐसे आश्रयदाता पर इस धारा में मुकदमा दर्ज होता है और न्यायालय उसे दस साल कारावास की सजा सुनाता है। वहीं बीकानेर थाने में गोपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो ही चुका है। कोटगेट पुलिस के थानाधिकारी धरम पूनिया ने बताया कि अमीन फरवरी में फरार होने के बाद यूपी, बिहार, गुजरात सहित बीकानेर में ठिकाने बनाकर रह रहा था। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार अमीन ने फरवरी के बाद चौथी बार बीकानेर आया है। वहीं गोपाल धोबी ने अमीन को तीसरी बार शरण दी है। इस बार अमीन रविवार को ही गोपाल के घर आकर रुका था कि बीछवाल थाने के सिपाही को जानकारी मिली और यह कार्रवाई हुई। सोमवार को जब आरोपी को तीन थानों की पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन कर दबोचा तो गोपाल के पास भी एक मैग्जीन व दस कारतूस मिले और अमीन के पास भी यही हथियार मिले। जिसके बाद अमीन पर 58 वां मुकदमा व गोपाल पर पहला मुकदमा दर्ज किया गया। इन दोनों पर आम्र्स एक्ट में मुकदमे दर्ज हुए। एसएचओ पूनिया ने बताया कि आरोपियों को पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। हालांकि गोपाल का इससे पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं बताया जा रहा है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह कर्मचारी सामान्य घर का है तथा थोड़े पैसों के लालच में यह काम कर बैठा। ज्ञात रहे कि आरोपी ने अमीन को तीसरी बार शरण दी है। अमीन रामकिशन सियाग हत्याकांड में श्रीगंगानगर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। फिलहाल पुलिस अमीन से पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इस पूछताछ में उन लोगों के नाम भी उजागर हो सकते हैं जो अमीन के फरार होने में मददगार रहे थे।