नई दिल्ली. भारत ने अपने मोस्ट एम्बीसियस वेपन सिस्टम न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल K-4 का बुधवार को सफल टेस्ट किया है। यह मिसाइल 3,500 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकती है। K-4 इसका कोड नेम है, जिसे एक्स प्रेसिडेंट अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है। इस लॉन्च के साथ ही भारत दुनिया के उन 5 देशों में शामिल हो गया है जो पानी के भीतर से मिसाइल दाग सकते हैं।
INS अरिहंत से किया जा सकता है लॉन्च…
– ये मिसाइल अपने साथ 2000 किलोग्राम तक गोला-बारूद ले जा सकती है।
– मिसाइल की लॉन्चिंग से भारत के न्यूक्लियर वैपन प्रोग्राम को और मजबूती मिली है।
– मार्च में दो बार इस मिसाइल का बंगाल की खाड़ी से टेस्ट किया जा चुका है।
– K-4 बैलेस्टिक मिसाइल को डीआरडीओ( डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट) ने डेवलप किया है।
– इस मिसाइल को पानी के अंदर 20 फीट नीचे से भी फायर किया जा सकता है।
– 111 मीटर लंबी आईएऩएस अरहिंत सबमरीन में एक बार में चार K-4 मिसाइल लोड की जा सकती हैं।
– बता दें कि डीआरडीओ, K सीरीज की तीन और मिसाइल डेवलप करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
कहां हुए थे K-4 के दो टेस्ट?
– K-4 के पहले भी दो टेस्ट किए गए। इन टेस्ट के लिए समंदर के बीच में प्लैटफॉर्म बनाए गए थे।
– 31 मार्च को विशाखापट्टनम के पास समंदर में ( करीब 45 नॉटिकल माइल दूर) इस मिसाइल टेस्ट किया गया था।
– ये टेस्ट इसलिए किए गए थे कि ताकि यह तय किया जा सके कि जरूरत के वक्त इसे समंदर के भीतर आईएऩएस अरिहंत सबमरीन से लॉन्च किया जा सकता है।
– इससे पहले नवंबर 2015 में INS अरहिंत से इसके प्रोटोटाइप K-15 को फायर कर टेस्ट किया जा चुका है।
– डीआरडीओ के ऑफिसर्स का मुताबिक अगले कुछ सालों में मिसाइल आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में सर्विस दे सकती है।
– बताया जा रहा है कि K-4 को अग्नि मिसाइल से बेहतर कहा जा सकता है।