– आनंदपालसिंह को जिंदा पकडऩा जरूरी था, सरकार ने एनकाउंटर जैसा आसान तरीका क्यों अपनाया : बेनीवाल
– पुलिस के पास एनकाउंटर के अलावा कोई चारा नहीं था : गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया
– एक न्यूज़ चैनल्स में चर्चा के दौरान गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, पूर्व गृहमंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल और वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी के बीच हुई बहस
लॉयन न्यूज, जयपुर। पूर्व गृह राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने आज एक टीवी चैनल की चर्चा में यह कहकर कि गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं, बहस को नया मोड़ दे दिया। एक टीवी चैनल की चर्चा में जब उन्होंने यह कहा तो उनके कार्यकाल में हुए दूसरे एनकाउंटर के मामले भी एक-एक करके सामने आ गए। इस चर्चा में वीरेंद्र बेनीवाल ने आनंदपाल सिंह को जिंदा पकडऩा जरूरी था? सरकार ने एनकाउंटर जैसा आसान तरीका क्यों अपनाया ? जैसे सवाल उठाए तो यह कहते हुए भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया कि दो घंटे के अंदर एनकाउंटर को अंजाम देना इतिहास में पहली बार हुआ है।

बेनीवाल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर आनंदपाल को जिंदा पकड़ा जाता तो शायद कई मंत्री स्तरीय राजनेताओं के नाम सामने आते। बेनीवाल ने कहा यह केवल विपक्ष की मांग नहीं है क्योंकि जिस प्रकार एनकाउंटर का घटनाक्रम पुलिस बता रही है, उसमें कई सवाल खड़े हो रहे है।

पूर्व गृहमंत्री ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि गृहमंत्री कटारिया और पुलिसकर्मी कह रहे है कि आनंदपाल सिंह को हर तरफ से घेरा गया था तो फिर एनकाउंटर क्यों किया गया ? क्या सरकार पारदर्शिता को अपनाते हुए जांच करवाएगी? ऐसे कई सवाल है जो जवाब मांग रहे है। बेनीवाल ने कहा कि सरकार को उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगाा।

बेनीवाल जी! पुलिस की जगह आप होते तो क्या करते ? : गृहमंत्री कटारिया
बेनीवाल जी आप राजनीति का आवरण छोड़कर ईमानदारी से कह दीजिए कि पुलिस की जगह आप होते तो क्या करते ? आप चेतावनी देते रहते और सामने से अंधाधुंध तरीक से फायरिंग होती रहती तो एनकाउंटर नहीं करते? यह कहना है राजस्थान सरकार के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का।

गृहमंत्री कटारिया ने पुलिस महकमे को साहस को बधाई देते हुए कहा कि पुलिस ने अच्छी तरह से ऑपरेशन को अंजाम दिया। साथ ही साथ कटारिया ने कहा कि आनंदपालसिंह को हर प्रकार से मौका दिया फिर भी वह फायरिंग करता रहा। ऐसे में पुलिस के सामने दूसरा कोई चारा नहीं रहा और सामने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के दौरान आनंदपालसिंह को मार गिराया।

क्या पुलिस के पास एनकाउंटर के अलावा कोई दूसरा चारा था? : वरिष्ठ पत्रकार सैनी
गैंगस्टर आनंदपालसिंह के एनकाउंटर मामले में यह सवाल खड़े हो रहे है कि पुलिस के पास एनकाउंटर के अलावा कोई दूसरा चारा था? सामने से आनंदपालसिंह फायरिंग कर रहा था, ऐसे में पुलिस के पास अन्य कोई दूसरा विकल्प नहीं था, जिससे आनंदपालसिंह को जिंदा गिरफ्तार किया जा सकता ?।

यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार ओमी सैनी का। न्यूज़ चैनल्स में दिए गए इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि न्यूज़ चैनल्स और अख़बारों में जिस प्रकार से आनंदपालसिंह की तमाम ख़बरें पढऩे के बाद भी ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे है जो अभी तक जवाब नहीं मिल रहे है? जैसे कि अमावस्या के दिन शीशे में देखकर आनंदपाल का एनकाउंटर किया गया ऐसे तमाम सवाल जो संशय पैदा कर रहे है? । हर कोई नागरिक के मन यह तमाम सवाल खड़े हो रहे है। यह एक जांच का विषय है। सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और एनकाउंटर मामले की जांच करवानी चाहिए।