साइड स्टोरी- रोशन बाफना
लॉयन न्यूज, बीकानेर। बीकानेर युवती दुष्कर्म-हत्या कांड मामले को लेकर पुलिस विभाग में अंदरखाने पोस्टमार्टम रिपोर्ट चर्चा का विषय बनी हुई है। पुलिसिया सूत्रों की मानेें तो मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस मामले की बड़ी साइड स्टोरी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को इतना गोपनीय बनाया जा रहा है कि जनता के अविश्वास के बाद बनी 13 पुलिसकर्मियों की टीम के ज्यादातर सदस्यों को अभी तक रिपोर्ट दिखाई ही नहीं गई है। तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट की साइड स्टोरी के अंदर एक साइड स्टोरी ये भी आ रही है कि ये मामला एक बड़े अधिकारी की कुर्सी का पोस्टमार्टम करने वाला है, दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस मामले में जिसका नसीब बिगड़ा तो मंत्री भी उसका नसीब संवार नहीं पाएगा। दूसरी ओर, एक बड़े सूत्र का यह भी कहना है कि बड़ी बात नहीं कि ये मामला पिछला सारा हिसाब भी चुकता करवा दे। हालांकि ये हिसाब कौनसा है ये स्पष्ट नहीं किया जा रहा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की आंखों से ओझल ना हो रहे इस मामले में सीआईडी सीबी के डीआईजी ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक विशेष टीम भी आज से एक्टिव हो चुकी है। हालांकि आमजन इस बात से खुश है कि आज चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। ज्ञात रहे कि इस तरह के संगीन अपराधों में आरोपी को पेश करते ही न्यायालय जेल भेज देता है। इसी प्रक्रिया के तहत आरोपियों को जेल भेजा गया है जो जमानत मिलने तक अंदर रहेंगे। रिमांड की अधिकतम सीमा का उपयोग भी जांच अधिकारी कर चुके थे, इसलिए विकल्प भी नहीं बचा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से निकली ये साइड स्टोरी कई सवाल भी खड़े करती है। ये सवाल भी पुलिस विभाग के गलियारों से ही उठ रहे हैं। बात तो यह तक निकली कि आखिर जिस जांच अधिकारी पर अविश्वास करके टीम गठित की गई वही जांच अधिकारी इस पूरे मामले पर अब तक कब्जा करके क्यों बैठा है? इतना ही नहीं अन्य सदस्यों को साइलेंट मोड पर क्यों रखा गया है? हालांकि इस पूरे मामले में आज जब कुछ अफसरों को किसी बड़े अधिकारी पर संकट आने के संकेत मिले तो उनके हाव-भाव में चिंता तो कतई नहीं देखी गई। सूत्रों का कहना है कि न्याय की मांग इतनी मजबूत हो चुकी है कि इस मामले में थोड़ी भी कांटी-छांटी भारी पड़ेगी, तो यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस जांच क्या लिखा जाए ये तो जांच अधिकारी की सूझबूझ पर निर्भर करता है। ज्ञात रहे कि मुख्यमंत्री, सीआईडी सीबी, एसीबी व कई राजनैतिक व सामाजिक संगठन इस पूरे मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं।