घोषणा-पत्र में ‘अर्जुन इफैक्ट’ बताने प्रेस-कांफ्रेंस
लॉयन न्यूज, बीकानेर। वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता को लेकर केंद्र सरकार के सामने किसी तरह की कोई अड़चन नहीं थी, यहां तक कि हमने ब्रज को भी इसमें शामिल करने का प्रस्ताव मान लिया था। राजस्थानी के साथ-साथ भोटी और भोजपुरी को भी संवैधानिक मान्यता मिली, लेकिन इसी समय लिटरेचर फेस्टिवल विरोध उठा और फिर जंतर-मंतर पर भी इस मान्यता से हिंदी का अहित होने का मुद्दा उठा। यह कहा गया कि इससे भोजपुरी और राजस्थानी के लोग सेंसेस में भाषा के कॉलम में हिंदी नहीं लिखेंगे, जिससे यूनेस्को में हिंदी प्रतिनिधि भाषा बनने से रह जाएगी। इस वजह से मान्यता का मुद्दा रह गया। वे चाहते हैं कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले।

चुनावी घोषणा-पत्र की जानकारी देने के संबंध में आयोजित प्रेस-कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री और बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी अर्जुनराम मेघवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी यह चाहती है कि मातृभाषा को बढ़ावा मिले, इस दृष्टि से भी देखा जाए तो राजस्थानी भाषा का संवद्र्धन व विकास होना चाहिए।
घोषणा-पत्र में ‘अर्जुन-इफैक्ट’ से जुड़े सवाल पर मेघवाल ने कहा कि न सिर्फ बीकानेर बल्कि समूचे पश्चिमी राजस्थान के लिए इस घोषणा-पत्र में बिंदु रखे गए हैं। अगली भाजपा सरकार में पश्चिमी राजस्थान का औद्योगिक, तकनीकी और सांस्कृतिक विकास देखने को मिलेगा।

कांग्रेस के घोषणा-पत्र को उन्होंने तुष्टिकरण का घोषणा-पत्र कहा। उन्होंने कहा कि हम संतुष्टिकरण की बात करते हैं, जो हमारे घोषणा-पत्र में भी हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि मैं उन्हें कोई जवाब नहीं देता बल्कि मेरे किए हुए कामों का पेंफलेट भेज दिया है। अगर वे चाहेंगे तो किताब भी भेज दूंगा।