लॉयन न्यूज, संगरिया। आर्थिक व राजनीतिक तौर पर मनरेगा मेटों का हो रहा शोषण असहनीय है। गांव में कोई भी व्यक्ति जिसका कोई वजूद नहीं वो भी उन्हें धमकाने से पीछे नहीं है। जिससे वे अपने आपको असहाय महसूस करने लगे हैं। इसे नहीं रोका तो हालत बदत्तर हो जाएंगे। यह आरोप जनवादी नौजवान सभा के प्रदेशाध्यक्ष जगजीतसिंह जग्गी ने गुरुवार दोपहर बारह बजे एसडीएम कार्यालय परिसर में हुई मेट यूनियन सभा दौरान लगाए।

उन्होंने मेटों को स्थाई करते हुए राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग की। मनरेगा मेट यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश परिहार ने कहा कि श्रमिक के घर चले जाने के बाद भी मेट कार्यस्थल पर बैठा रहता है। 2008 से लगातार मेट का प्रशिक्षण, काम तथा हर तरह से शोषण हो रहा है। माकपा सचिव रामकुमार व शिव भगवान बिश्रोई ने भी विचार रखे। उन्होंने प्रदर्शन करते हुए उपखंड अधिकारी रामरख मीणा को विभिन्न मांगों के निराकरण के लिए एक ज्ञापन सौंपा।

जिसमें मनरेगा मेट स्थाईकरण, अनुभव प्राप्त मेट को स्थाई होने तक काम पर लगाने, दैनिक मजदूरी पांच सौ रुपए व वर्दी दिलाने, अनुभव प्रमाण-पत्र जारी करने, राज्य की तमाम भर्तियों में बोनस अंक देने, प्रशिक्षण बंद करने व राजनैतिक शोषण बंद करने की मांग की गई। वहीं, वार्ड सोलह में चल रहे एक मिष्ठान भंडार की फैक्ट्री को मोहल्ले से बाहर करने की मांग की गई।

बिश्रोई व जग्गी ने आरोप लगाया कि हजारों क्विंटल लकड़ी खपत से होने वाले धुएं तथा मिठाईयों के निर्माण में बची सामग्री को नाली में बहाने से बदबूदार माहौल के साथ लोग अस्थमा व सांस जैसे रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं। कई बार संचालक से मोहल्ले वासियों सहित प्रशासन ने गुहार लगाई लेकिन समस्या जस की तस है।