बच्चों के लिए काफी उपयोगी है ये बाल साहित्य
लॉयन न्यूज,बीकानेर,18 मई। परछाईयां साहित्य संस्थान बीकानेर के द्वारा फल सब्जी मंडी में बाल कथा संग्रह खेलरां रो खेल का संवर्धन कार्यक्रम रखा गया। खेलरां रो खेल पुस्तक में बाल कथाओं के माध्यम से बाल पाठक को फ़ास्ट फ़ूड से परहेज और देशी फल सब्जी के पौष्टिक आहार के सेवन का ज्ञान साहित्यकार और खेलरां रो खेल पुस्तक के लेखक मनीष कुमार जोशी ने देने का प्रयास किया है,बाल कथाओं के माध्यम से ।
इस पुस्तक संवर्धन कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे वरिष्ठ साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित, ने कहा कि इस प्रकार की ज्ञानवर्धक पुस्तक बाल पाठक को कहानी शैली के साहित्य से भी स्वस्थ शरीर के लिए शिक्षित और प्रेरित करने में अपनी महताऊ भूमिका निभाएगी ऐसा मेरा विश्वास है। पुस्तक के राजस्थानी भाषा में होना इस पुस्तक की सार्थकता को सिद्ध करती है साथ में राजस्थानी भाषा से परिचय भी करवाएगी है नए बाल पाठक को।

 

इस अवसर पर फल सब्जी विक्रेता / विशेषज्ञ राकेश हर्ष ने भी अपने विचार रखते हुए कहा की राजस्थानी भाषा में इस प्रकार की बाल साहित्य पुस्तक अति आवश्यक है साथ में जब वो बाल स्वास्थ्य को पोषित करने वाली बात भी साहित्य के माध्यम से कहे तो सोने में सुहागा वाली बात लगती है। हम फल सब्जी मंडी में शुद्ध ताजे फल सब्जी की बिक्री करते है और फल सब्जी मंडी से निकल कर प्रत्येक फल और सब्जी जब पौष्टिक आहार के रूप में परिवर्तित होता है और बालक का आहार बनता है तो हमारा कार्य सफल और सिद्ध होता है।
फल सब्जी विक्रेता के रूप में और जब हमारे साथ साहित्यकार मनीष कुमार जोशी जैसे लेखक बाल पाठक को प्रेरित और शिक्षित करते है। स्वास्थ्य के लिए फल सब्जी की महत्ता कहानियों और कथाओं के माध्यम से लिखकर तो इससे निश्चित रूप से स्वस्थ राष्ट्र निर्माण का कार्य भी होगा।

 

फल सब्जी विक्रेता / विशेषज्ञ योगेंद्र पडि़हार खेलरां रो खेल पुस्तक के विषय में कहा की ये पुस्तक बाल पाठक को न केवल हरी सब्जी और फल की स्वास्थ्य के लिए उपियोगिता को बताती है बल्कि मरू प्रदेश के सूखे साग सब्जी के बारे में और उनके गुणों के बारे में भी कहानी के माध्यम से ज्ञान करवाती है।
इस अवसर पर साहित्यकार मनीष कुमार जोशी ने अपनी पुस्तक खेलरां रो खेल की प्रतिया फल सब्जी मंडी के विशिष्ठ गणमान्य व्यक्तित्वों को भेंट की और अपने उध्बोधन में कहा की पुस्तक खेलरां रो खेल को लिखने की प्रथम प्रेरणा मुझे फल सब्जी मंडी से ही मिली। ये पुस्तक संवर्धन का कार्यक्रम करने के लिए मुझे इस से बेहतर कोई अन्य स्थान प्रतीत नहीं होता और आप सब लोगो के सहयोग से ये संवर्धन कार्यक्रम यहाँ संभव हो सका जिसके लिए मैं आप सभी फल सब्जी मंडी के विक्रेताओं का आभारी हूँ ! अंत में मास्टर मयंक जोशी और मास्टर मानस हर्ष ने आभार ज्ञापित किया।