नए सत्र मेंं दादी-नानियां सुनाएंगी कहानियां, संत देंगे प्रवचन
लॉयन न्यूज,बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। एक जुलाई से शुरू होने जा रहा शिक्षा सत्र कुछ मायनों में इस बार अलग सा होगा। नए शिक्षा सत्र के दौरान सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों में सिर्फ बच्चे ही नहीं, दादी-नानी और संत-महात्मा भी आएंगे। दादी और नानी बच्चों को कहानियां सुनाकर संस्कारित करेंगे। संत-महात्मा प्रवचन के जरिए बच्चों को जीवन के मंत्र देंगे। स्कूलों में इस तरह के नवाचार का यह पहला मौका है।

शिक्षा विभाग की ओर से जारी शिविरा पंचांग में यह सब करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने की तैयारियां कर रहे हैं। शिविरा पंचांग के अनुसार स्कूलों मेंं हर महीने के पहले शनिवार को किसी महापुरुष के जीवन का प्रेरक प्रसंग बताया जाएगा। दूसरे शनिवार को शिक्षाप्रद प्रेरक कहानियों का वाचन व संस्कार सभा होगी। संस्कार सभा में बच्चों की दादी-नानी को बुलाया जाएगा और वे बच्चों को परंपरागत कहानियां सुनाएंगी। इसके बाद तीसरे शनिवार को स्कूलों में किसी समसामायिक विषयों की समीक्षा और किसी महापुरुष या स्थानीय संतों के प्रवचन कराए जाएंगे। चौथे शनिवार को महाकाव्यों पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम होगा। पांचवें और अंतिम शनिवार को प्रेरक नाटक का मंचन व विद्यार्थियों की ओर से राष्ट्रभक्ति गीत गायन होगा। महीने के अंतिम शनिवार को सभी सरकारी स्कूलों के छात्र व शिक्षक स्वैच्छिक श्रमदान करेंगे।

शिविरा पंचांग के तहत इस तरह के कार्यक्रम सभी सरकारी, गैर सरकारी, सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों, अनाथ बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों, विशेष प्रशिक्षण शिविरों और शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालयों में भी करवाने जरूरी होंगे।जिले के स्कूलों में इन व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) कार्यालय में जिले के ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में इस बारे में उन्हें जरूरी निर्देश दिए जाएंगे।
इनका कहना है:
स्कूलों मेंं दादी-नानी को बुलाकर कहानियां सुनाने और साधु-संतों के प्रवचन जैसे कार्यक्रम शिक्षा विभाग की ओर से नवाचार हैं। इससे बच्चों को संस्कारित करने में मदद मिलेगी। शिविरा पंचांग में इस तरह जो कार्यक्रम तय किए गए हैं, नए शिक्षा सत्र मेंं उनका आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा। – सुनील बोड़ा,अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी