सांध्य-दीप : बीकानेर में रेल फाटकों के बंद होने की समस्या के समाधान के लिए ‘चुनावी फैसलाÓ लेने का वक्त गया, अब तो पहले यह देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
– हरीश बी. शर्मा
आचार संहिता के अक्टूबर में लागू होने की खबरों के बीच एलीवेटेड रोड का मुद्दा आगे खिसक गया लगता है। एलीवेटेड रोड के बीच में राजनेताओं के हित पहले से ही अड़ चुके थे, इसका बनना वैसे ही संदिग्ध लग रहा था। मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने जब टोह लेने की कोशिश की और शोर में उन्हें सहमतियां नजर आई तो एलीवेटड रोड का वादा कर गईं। उनके जाने के कुछ ही दिनों बाद एलीवेटेड रोड का एनकाउंटर हो गया और एक नया प्रस्ताव सिटिजन काउंसिल ने रख दिया। अब देखना यह है कि यह प्रस्ताव भी कितना व्यावहारिक है, लेकिन जब इसकी व्यावहारिकता की बात आएगी तो पूर्व प्रस्तावित एलीवेटेड रोड की व्यावहारिकता पर भी बात होगी। जिस तरह से और जिस समय में यह प्रस्ताव आया है, इसे सामान्य नहीं कहा जा सकता।

 

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी कई वैकल्पिक प्रस्ताव आते रहे हैं, लेकिन जब यह लगने लगा कि एलीवेटेड रोड बनने ही वाली है और सारी औपचारिकताएं जल्दी-जल्दी पूरी होने लगी, तब यह नया-प्रस्ताव सवाल भी खड़े करता है।
उल्लेखनीय है कि यह एलीवेटेड रोड बीकानेर विधानसभा पश्चिम के नागरिकों को रोजाना होने वाली रेल फाटकों के बंद होने से लगने वाले जाम की समस्या के समाधान के रूप में सामने आई है जबकि असल में ऐसा कुछ है ही नहीं। जो ब्लू प्रिंट सामने आया है, उससे बीकानेर विधानसभा पश्चिम के निवासी परेशान हीे होंगे। उन्हें तब भी रेल फाटक बंद मिलेंगे, जैसे आज मिलते हैं। इससे पश्चिम की राजनीति करने वाले भाजपा के नेता बैकफुट पर पहले से ही हैं। दबी जुबान से कुछ नेताओं ने तो एलीवेटेड रोड का डेमो और इस पर रायशुमारी का प्रस्ताव भी रख दिया।

 

हालांकि वसुंधरा राजे के जाने के बाद कुछ दिन की अधिकारियों की सक्रियता के बीच अचानक से नया प्रस्ताव आना भी एक नई संभावना को देखने जैसा है। कुल मिलाकर होगा यह कि अब सरकार व्यावहारिक फैसला लेगी, क्योंकि चुनावी फैसला लेने का वक्त जा चुका है। यह तब होगा जब अगली सरकार भाजपा की होगी। अगर सर्वे सच होते हैं और कांग्रेस वापसी करती है तो बाईपास का मुद्दा एक बार फिर हावी हो जाएगा। संभव है कि तब बाईपास के मुद्दे पर सबसे मुखर अधिवक्ता रामकृष्ण दास गुप्ता की बात को गंभीरता से सुना जाए।

 

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