• ईरान के जाबोल शहर को सबसे खराब अाबोहवा वाला शहर बताया गया है। सूची में अगले चार शहर भारत के हैं। ग्वालियर को दूसरा, इलाहाबाद को तीसरा, पटना को चौथा और रायपुर को चौथा सबसे गंदी हवा वाला शहर आंका गया है।

    नई दिल्ली। केवल दिल्ली और बीजिंग ही दिन-ब-दिन प्रदूषण से परेशान नहीं हैं बल्कि विश्व के 80 फीसदी शहर की आबोहवा खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। इस आशय संबंधी रिपोर्ट विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से गुरुवार को जारी की गई।

    विश्व स्वाथ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे स्तर पर प्रदूषण के स्तर को देखे तो यह कम नुकसान की ओर संकेत करता है, लेकिन ग्लोबल लेवल पर देखे तो पिछले पांच सालों (2013) में यह आठ फीसदी तक बढ़ गया है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग, मैक्सिको सिटी और नई दिल्ली ने भले ही वायु प्रदूषण को लेकर भले ही दुनिया भर की मीडिया का ध्यान भले ही अपनी ओर खींचा हो लेकिन ये महज बढ़ते प्रदूषण के एक बनागी भर हैं।

    डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, गरीब और विकासशील देशों के 100 शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वहीं विकसित देशों में यह आंकड़ा 56 फीसदी तक है, इनमें लंदन, पेरिस और रोम जैसे शहर भी शामिल है।

    दिल्ली अब दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरो में नहीं: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल नहीं है। विश्व स्वास्थ्‍य संगठन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। हालाकि दुनिया के पांच सबसे खराब शहरों में से चार भारत में हैं। इनमें ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना और रायपुर शामिल हैं।

    विश्व स्वास्थ संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन शहरों में प्रति घनमीटर हवा में पार्टिक्युलेट मैटर (पीएम) की मात्रा 2.5 माइक्रोग्राम के स्तर के नीचे पाई गई है। नई दिल्‍ली को सर्वे में नौवां सबसे खराब शहर आंका गया है।

    जाबोल सबसे प्रदूषित शहरः रिपोर्ट में ईरान के जाबोल शहर को सबसे खराब अाबोहवा वाला शहर बताया गया है। सूची में अगले चार शहर भारत के हैं। ग्वालियर को दूसरा, इलाहाबाद को तीसरा, पटना को चौथा और रायपुर को चौथा सबसे गंदी हवा वाला शहर आंका गया है।