लॉयन न्यूज,बीकानेर।
अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के मैकेनिकल विभाग तथा राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वाधान में टैक्युप द्वारा प्रायोजित बायो एनर्जी व इनकी प्रोद्धोगिकी विषय पर पांच दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन वेबेक्स एप के माध्यम से हुआ। एनआईटी कुरुक्षेत्र समन्वयक प्रो साथंस ने बताया की अक्षय ऊर्जा के के विकसित होने से भारत में ऊर्जा के व्यवसाय को बदल दिया हैए इसने कई मायनों में देश में ऊर्जा उत्पादन और उपभोग का लोकतंत्रीकरण किया है। सरकार की प्रमुख नीतियों के कारण इस प्रवृत्ति में तेज़ी आयी है । आने वाले वर्षों में हम स्थानीय मिनी ग्रिड के माध्यम से हजारों ऊर्जा उत्पादकों को बिजली की आपूर्ति करते हुए देख सकते हैं।
दूसरे सत्र में आई आई टी दिल्ली के डॉ वन्दित विजय ने ग्रामीण परिवेश में बायोमास का उपयोग करते हुए ग्राम ऊर्जा स्वराज मॉडल पर विचार रखे जो की गाँधी जी के ग्राम स्वराज के सपने पर आधारित है
प्राचार्य डॉ भामू ने बताया की ईसीबी निरंतर प्रयासरत है की बीकानेर जिले में बायो ऊर्जा के क्षेत्र में क्या नवाचार किया जा सकता हैए इसी क्रम में मेकैनिकल विभाग के छात्रों के साथ भीनासर की गौशाला के बंद पड़े संयंत्र को पुन: चालू करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं व इसी तरह के अन्य चुनौतियो को भी स्वीकार करने के लिए तैयार है। डॉ ओ पी जाखड़ ने बताया की टेक्विप. के माध्यम से आयोजित की जा रही ट्रेनिंग में देश भर के 400 शोधार्थियों ने लाभ उठाया उन्होंने यह भी बताया की रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग से वातावरण को प्रदुषण मुक्त किया जा सकता है जो की विश्व भर में चिंता का विषय है।
विभागाध्यक्ष डॉ सी एस राजोरिया ने बताया की इस ट्रेनिंग में देश विदेश के विशेषज्ञों ने ऑनलाइन माध्यम से व्याख्यान दिए जिससे प्रतिभागियों को एक ही पटल पर बायो ऊर्जा के क्षेत्र में देश विदेश में किये जा रहे शोध की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई। कोऑर्डिनेटर डॉ धर्मेंद्र सिंह ने बताया की ऊर्जा के क्षेत्र में देश भर में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की दिशा बदली जा सकती है व हम महाविद्यालय के शोधार्थियों को इस ओर प्रेरित कर रहे हैं। डॉ रजनीश व डॉ रवि कुमार ने ट्रेनिंग में भाग लेने वाले प्रतिभागियों वे विशषज्ञों का आभार व्यक्त किया व अगले सप्ताह प्रारम्भ होने वाली ट्रेनिंग के बारे में जानकारी दी।