रोशन बाफना

लॉयन न्यूज, बीकानेर। बीकानेर युवती दुष्कर्म-हत्या कांड में अंदर खाने क्रेडिट लेने का मायावी खेल भी चल रहा है। यहां क्रेडिट का अर्थ पैसे की उधारी से नहीं बल्कि श्रेय लेने से लगाएं। भले ही बाजार की हवा में सदर थाने के एसएचओ पर मामले में लापरवाही के आरोप लगे हों, लेकिन पुलिसिया सूत्रों की माने तो सीओ के पिक्चर में आने से पहले ही सदर पुलिस ने दो आरोपियों को दबोच लिया था। बताया जा रहा है कि दबोचा भी बीकानेर के किसी नामी व्यक्ति की होटल से था। ज्ञात रहे कि 18 को युवती की गुमशुदगी सदर थाने में दर्ज होती है और 20 को मलकीसर में शव मिलना, शाम होने से पहले शव की पहचान होना और शाम होने के बाद तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म व हत्या का मुकदमा दर्ज होना। लेकिन पुलिसिया सूत्रों के मुताबिक इन दो दिनों के बीच में यानी 19 अगस्त को सुमेरसिंह व ब्रजपाल को पुलिस ने दबोच लिया तो मामले में पेच कहां फंस गया था? आखिर क्यों गिरफ्तारी दिखाई नहीं गई। मुकदमा दर्ज होने के साथ ही सीओ के नाम जांच चली जाती है, लेकिन अस्वस्थ होने की वजह से सीओ 21 को जांच शुरू करते हैं। इसके बाद अगले दिन पूरा बीकानेर प्रदर्शन की आग में झुलस जाता है, पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगते हैं, इसी बीच दबाव में आई पुलिस की जांच टीम सुमेरसिंह व ब्रजपाल की गिरफ्तारी की घोषणा करती है। यहां गिरफ्तारी ना दिखाना ‘क्रेडिटÓसे जुड़ा है या कारण कोई और है, यह कहना तो मुश्किल है। लेकिन यहां साइड स्टोरी यह है कि क्रेडिट वैल्यू ने किसी ने किसी को साइड जरूर किया है। हालांकि इस पूरे मामले में सीओ 19 को गिरफ्तारी की बात को स्वीकार नहीं करते तो एसएचओ मामले की जांच सीओ के पास होना कहकर बात टाल देते हैं। लेकिन कई विशेष पुलिसिया सूत्रों से साइड स्टोरी में क्रेडिट का जिक्र साफ होता है।