दीपक बन कर , रोशन रहना ! – राजेन्द्र जोशी
दीपक बनकर , रोशन रहना
बाती बन कर , रोशन रहना
तेल बिना भी जलते रहना
पानी बनकर , रोशन रहना
मन के अन्दर , रोशन रहना
हाथ हाथ से रोशन रहना
हर अंगुली , रोशन रहना
दोनों आँखों , रोशन रहना
कानों से सुनकर रोशन रहना
सर के उपर , रोशन रहना
पत्ता बनकर , रोशन रहना
मंदिर – मस्जिद , रोशन रहना
पृथ्वी बनकर , रोशन रहना
सबके घर में रोशन रहना
माटी से दीपक बनजाना
गाँव -शहर में, रोशन रहना
चूल्हा बनकर जलते रहना
बनकर लालटेन , रोशन रहना
झोपड़ी में , रोशन रहना
भारत का बनकर, रोशन रहना
देशदुनिया में , रोशन रहना
दीपक बन कर , रोशन रहना !
– राजेन्द्र जोशी