इंटरनेशनल डेस्क।पिछले महीने पाकिस्तान ने बलूचिस्तान से भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक जासूस को अरेस्ट करने का दावा किया था। पाकिस्तान ने ये भी बताया कि कुलभूषण जाधव नाम का ये जासूस पहले इंडियन नेवी में नौकरी कर चुका है। बता दें कि रॉ यानि ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ की शुरुआत आर.एन. काव ने की थी। काव ने ही उस दौर में इजरायली इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद से सीक्रेट कॉन्टेक्ट बनाए थे, जब भारत-इजरायल के रिलेशन न के बराबर थे। चीन और पाकिस्तान से वॉर के बाद महसूस हुई रॉ की जरूरत…
 – 1962 में चीन और 1965 में पाकिस्तान से वॉर के बाद भारत को रियलटाइम फॉरेन इंटेलिजेंस की जरूरत महसूस हुई।
– तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अलावा 1968 में दूसरी विंग शुरू करवाई। इसे ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ यानि रॉ कहा गया।
– रामेश्वर नाथ काव इसके पहले चीफ थे। वे 1977 तक रॉ चीफ रहे।
– वह भारत सरकार के केबिनेट सेक्रेटिएट में सेक्रेटरी (रिसर्च) भी रहे।
– काव जवाहर लाल नेहरू के पर्सनल सिक्युरिटी चीफ और राजीव गांधी के सिक्युरिटी एडवाइजर भी रहे।
– काव की पर्सनल लाइफ बेहद प्राइवेट थी। रिटायरमेंट के बाद वे शायद ही कभी पब्लिक में देखे गए। उनकी कुछ ही तस्वीरें इंटरनेट पर अवेलेबल हैं।
– 1982 में फ्रेंच एक्सटर्नल इंटेलिजेंस एजेंसी SDECE के चीफ एलेक्जेंडर दे मेरेन्चेस ने काव की गिनती 70 के दशक में दुनियाभर के पांच टॉप इंटेलिजेंस ऑफिसर्स में की।